इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति पंकज नकवी बीते 21 अगस्त को रिटायर हो गए। अपने रिटायरमेंट स्पीच में जस्टिस पंकज नकवी ने लोगों को संवैधानिक मूल्यों और धर्मनिरपेक्षता के प्रति दृढ रहने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने धर्म को लेकर कहा कि धर्म बेहद ही निजी मामला है, यह घर के अंदर ही रहे तो अच्छा है, सड़क पर आया तो यह धर्म नहीं रह जाता है।
अपने रिटायरमेंट स्पीच के दौरान जस्टिस पंकज नकवी ने कहा कि जब तक आप एक अच्छे इंसान नहीं हैं तब तक आप एक अच्छे हिंदू नहीं हो सकते या आप एक अच्छे मुसलमान नहीं हो सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि धर्म बहुत ही निजी मामला है, इसे घर की चार दीवारों के भीतर ही सीमित रहना चाहिए। जैसे ही धर्म सड़क पर आता है तो वह धर्म नहीं रह जाता है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हमारे लिए बाइबिल की तरह है, हम संविधान के लिए जी सकते हैं और और मर सकते हैं। जस्टिस पंकज नकवी ने अपने भाषण के दौरान अपने पिता के द्वारा दिए गए मूल्यों को भी याद किया। नकवी ने कहा कि मेरे पिता कहते थे कि मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं है और साथ ही वे यह कहते थे कि अपने दृष्टिकोण से आप हमेशा धर्मनिरपेक्ष बने रहें।
2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने जस्टिस पंकज नकवी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले दिए। पिछले साल लव जिहाद के एक मामले में जस्टिस पंकज नकवी की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद के जीवन साथी चुनने का अधिकार और कानून दोनों को साथ रहने की भी इजाजत देता है, चाहे वे विपरीत सेक्स के ही क्यों ना हो।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि राज्य भी दो वयस्कों के संबंध को लेकर आपत्ति नहीं जता सकता है। कानून किसी भी व्यस्क को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार देता और और कोई भी उनके जीवन में दखल नहीं दे सकता है।