Sambhal Jama Masjid Survey Case: संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया है और सिविल रिवीजन पिटीशन खारिज कर दी है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी एडवोकेट कमीशन की जांच में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट ने सुनाया।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट का आदेश महंत ऋषिराज गिरि सहित आठ वादियों द्वारा दायर मुकदमे पर पारित किया गया था। उन्होंने दावा किया था कि संभल मस्जिद का निर्माण 1526 में वहां मौजूद एक हिंदू मंदिर को तोड़कर किया गया था। मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में यह मामला उठाया था कि सिविल जज ने उन्हें नोटिस जारी किए बिना जल्दबाजी में सर्वे आदेश पारित कर दिया था। मस्जिद का सर्वे उसी दिन 19 नवंबर और फिर 24 नवंबर 2024 को किया गया।
संभल में एक और मस्जिद पर लटकी तलवार!
हिंदू वादी ने क्या दावा किया?
वहीं अब हिंदू वादियों के दावों की बात करें तो उनका कहना है कि विवादित मस्जिद मूल रूप से भगवान विष्णु के आखिरी अवतार कल्कि का हरिहर मंदिर था। साल 1526 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मंदिर को तोड़ दिया गया और इसे बाद में मस्जिद में बदल दिया गया। बता दें कि संभल में पिछले साल 24 नवंबर से तनावपूर्ण स्थिति है। कोर्ट के सर्वे के आदेश के बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच में झड़प हो गई थी। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे। हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और निर्देश दिया था कि सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में लिस्ट होने तक मामले की सुनवाई ना की जाए।
हरि शंकर जैन कोर्ट के आदेश के बाद क्या बोले
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज गाजियाबाद में वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल के सर्वे मामले में मुस्लिम पक्ष में जो रिवीजन फाइल किया था। उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ये कहा है कि सर्वे सही था। जो भी सर्वेक्षण हुआ है, उसे पढ़कर रिकॉर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा। अगर वे (मुस्लिम पक्ष) सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’ ASI रिपोर्ट के बाद HC ने दिया दोबारा सर्वे का आदेश