ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने कश्मीरी प्रवासियों के बच्चों, कश्मीरी पंडितों और घाटी में रहे हिंदू परिवारों को कॉलेज में दाखिले को लेकर छूट की घोषणा की है। AICTE के एक ताजा नोटिस में बताया गया कि इन छात्रों को कॉलेज में दाखिले के दौरान दस फीसदी तक की छूट मिलेगी। इसके साथ ही छात्रों के लिए हर कोर्स में सीटों की संख्या पांच फीसदी तक बढ़ाई जाएगी।
टेक्नीकल या प्रोफेशनल संस्थानों में मेरिट कोटा में कम से कम एक सीट का आरक्षण भी इन छात्रों के लिए अनिवार्य किया गया है। नए नियम शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से प्रभावी हो जाएंगे। नियमों के अनुसार कश्मीरी प्रवासी छात्रों के लिए अधिवास प्रमाण पत्र में भी छूट दी गई है।
हालांकि कश्मीरी पंडित या कश्मीरी हिंदुओं को सुविधा के लिए अधिवास प्रमाण पत्र की जरुरत होगी। नोटिस में कहा गया कि नए दिशा-निर्देश को AICTE से संबद्ध सभी शैक्षणिक संस्थानों का पालन करना होगा। इसमें देशभर के मैनेजमेंट, टेक्निकल और इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल हैं।
आगामी शैक्षणिक वर्ष में AICTE ने कॉलेजों को इन छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा के दाखिला देने की अनुमति दे दी है। इसमें कैट, एक्सएटी, सीएमएटी, एटीएमए, एमएटी, जीमैट सहित अन्य प्रवेश परीक्षाएं शामिल हैं।
एक ऑफिशियल सर्कुलर में AICTE ने कहा कि देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस महामारी फैलने के डर से कुछ प्रवेश परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी। इस बात का भी कोई संकेत नहीं है कि ये परीक्षाएं स्थगित हैं या इनके रद्द किए जाने की संभावना है।
Special concessions for wards of Kashmiri Migrants & Kashmiri Pandit/ Kashmiri Hindu Families (Non-Migrants) living in Kashmir Valley for admission in Higher Educational Institutions from AY 2020-21 onwards.
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— AICTE (@AICTE_INDIA) October 8, 2020