जुमे की नमाज को लेकर एक बार फिर पूरे उत्तर प्रदेश की सुरक्षा बढ़ा दी गई। कानपुर में सबसे ज्यादा नजर रखी जा रही है। यहां हिंसा प्रभावित इलाके से करीब तीन किलोमीटर के दायरे को छावनी में बदल दिया गया है। वहीं बिरयानी वाले मुख्तार बाबा पर दो और नए केस दर्ज किए गए हैं। मुख्तार बाबा पर राम जानकी मंदिर पर कब्जा कर बिरयानी की दुकान खोलने का आरोप लगा है।

मुख्तार बाबा पर कानपुर के बजरिया और चमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें चमनगंज थाने में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें आरोप लगाया गया है कि किस तरह बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा ने मंदिर की जमीन पर कब्जा करके बिरयानी की दुकान खोली है। शिकायतर्ता ने दावा किया है कि वो उस जगह को देख चुके हैं, वहां पहले मंदिर था, पूजा-अर्चना होती थी, वहां से लोगों को पलायन कराया गया, फिर मंदिर को तोड़कर कब्जा करके बिरयानी की दुकान खोल ली गई।

वहीं जुमे की नमाज को लेकर शुक्रवार को कानपुर में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। संवेदनशील एरिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा को देखते हुए यह अलर्ट जारी किया गया है।

इससे पहले मंगलवार को एसआईटी ने मोहम्मद फैजान नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया था जिसकी तस्वीर फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपलोड की गई थी, फोटो अपलोड किए जाने के बाद उसकी गिरफ्तारी हो सकी। तिवारी ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 59 पर पहुंच गई है।

मुख्तार की गिरफ्तारी तीन जून की हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी के बयान के आधार पर की गई। हाशमी ने पूछताछ में कबूला था कि उसके संगठन को मुख्तार उर्फ बाबा बिरयानी, नामी बिल्डर हाजी वासी और अन्य लोगों से धन मिलता है। एसआईटी ने मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैन्स एसोसिएशन के मुखिया हाशमी को कथित फंडिग के संबंध में पूछताछ और बयान लेने के लिए मुख्तार को बुलाया था।

एसआईटी ने कर्नलगंज पुलिस थाना में मुख्तार से चार घंटे पूछताछ की और फिर उसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। बता दें भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद कानुपर में तीन जून को हिंसा भड़की थी।