Akhlaq Lynching Case: साल 2015 में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुए बहुचर्चित मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामला एक बार फिर चर्चा में है। यूपी सरकार ने बिसाहडज़ा गांव में हुई मोहम्मद अखलाक के केस को लेकर यूपी सरकार ने कोर्ट में याचिका वापस लेने की मांग की थी। कोर्ट ने उस मांग को खारिज कर दिया था। अब यूपी सरकार के उस कदम को लेकर अखलाक के भाई की प्रतिक्रिया आई है।

दरअसल, अखलाक लिंचिंग मामले की यूपी सरकार की याचिका वापस लेने वाली मांग खारिज होने पर मोहम्मद अखलाक के भाई जान मोहम्मद ने कहा कि जब यह आवेदन दायर किया गया, तो हम स्तब्ध रह गए क्योंकि हमने इतनी लंबी लड़ाई लड़ी थी, और हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि मामला इस तरह खत्म होगा।

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सामाजिक सद्भाव पर कही ये बात

मोहम्मद अखलाक के भाई ने कहा कि घटना वाले दिन सामाजिक सद्भाव भंग नहीं हुआ था। क्या कोई मुझे एक भी ऐसा उदाहरण दिखा सकता है, जहां अखलाक का शव सड़क पर रखा गया हो और हमने जाम लगाया हो, या जहां कोई चिल्लाहट या हंगामा हुआ हो, या जहां किसी के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी की गई हो? तो, इतने वर्षों बाद अब किस तरह का सांप्रदायिक सद्भाव भंग होगा।”

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कोर्ट ने खारिज की यूपी सरकार की याचिका

बता दें कि मंगलवार को अखलाक लिंचिंग मामले में ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित अदालत सुनवाई हुई थी। जिसमें कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में अखलाक की हत्या के आरोपियों के खिलाफ मामला वापस लेने की मांग की गई थी।

अब इस मामले में अखलाक की बेटी शाइस्ता के अलावा अखलाक की पत्नी इकरामन और बेटे दानिश भी गवाह हैं। अभी इनकी गवाही होनी बाकी है, इनके साथ अन्य गवाहों की गवाही भी होनी है।

पीड़ित पक्ष को उम्मीद है कि जब इस मामले के सुनवाई रोज होगी तो फिर उन्हें जल्द ही इंसाफ भी मिल जाएगा। इस पूरे प्रकरण के चलते यूपी में अखलाक का मुद्दा गर्म हो गया है।

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