उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि अखिलेश न केवल ‘राम द्रोही’ हैं, बल्कि ‘कृष्ण द्रोही’ भी हैं। उन्होंने गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर अखिलेश यादव प्रजापति (मिट्टी के बर्तन बनाने वाले) समुदाय का दर्द समझते, तो वह ऐसा ‘बचकाना बयान’ नहीं देते।
योगी ने कहा, “इसलिए कहा जाता है कि गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं। इसके लिए प्रयास करने पड़ते हैं। और कुछ लोगों की आदत होती है कि उनका बचपना जीवन भर उनके साथ रहता है। वे ऐसे कृत्य करते हैं, और अब भी कर रहे हैं।”
‘सपा ने राम भक्तों पर अयोध्या में गोलियां चलाई थी’
योगी ने कहा, “उन्होंने (अखिलेश यादव) कहा था कि दीये जलाने की क्या जरूरत है? यानि उनको दीपावली से नफरत है। अब तक हम यही सोचते थे कि उन्हें अयोध्या में रामजन्मभूमि और अन्य हिंदू तीर्थस्थलों से ही नफरत है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन के दौरान उन्होंने (अखिलेश यादव) कहा था कि वह सैफई में दुर्योधन की मूर्ति लगाएंगे तो हमने उनसे कहा था कि वह कंस की भी मूर्ति लगा दें। मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने इस बार भी दीपावली के अवसर पर यही बात कही। दूसरे शब्दों में, वह न केवल राम द्रोही हैं, बल्कि कृष्ण द्रोही भी हैं। वह सनातन धर्म के त्योहारों के भी द्रोही हैं।”
कांग्रेस ने राम, कृष्ण को नकारा
आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने भगवान राम और भगवान कृष्ण को नकार दिया था और आज दुनिया भगवान रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आती है और अभिभूत हो जाती है।
अखिलेश ने क्या कहा था?
अखिलेश यादव ने दीपावली पर राज्य सरकार द्वारा किए गए खर्चों का जिक्र करते हुए कहा था कि विदेशों से सीख लेनी चाहिए, जहां क्रिसमस के दौरान पूरा शहर महीनों तक जगमगाता रहता है। सपा प्रमुख ने कहा था, “दुनिया में क्रिसमस के समय पूरा शहर जगमगाता है और महीनों तक जगमगाता रहता है। उनसे सीखो।”
दीपोत्सव समारोह पर एक सवाल के जवाब में यादव ने संवाददाताओं से कहा, “दीयों और मोमबत्तियों पर बार-बार खर्च क्यों होता है?…ऐसी सरकारों को हटा देना चाहिए। हम बहुत सुंदर रोशनी करेंगे।”
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