उत्तर प्रदेश को 2017 से पहले 22 घंटे बिजली मुहैया कराने का अखिलेश सरकार का सपना गोंडा में पूरा होता नहीं दिख रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का गृह जनपद होने के बावजूद ग्रामीण विद्युतीकरण के क्षेत्र में जनपद काफी पीछे चल रहा है। राज्य के मुख्य सचिव के आगामी माह में प्रस्तावित आगमन के मद्देनजर विकास कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान अनेक विभागों की कलई खुलने पर जिलाधिकारी ने फटकार लगाई है।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के नगरीय क्षेत्रों को 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत राज्य का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाना है। अखिलेश सरकार ने अपने अति विश्वासपात्र अधिकारी एपी मिश्र को दो साल का सेवा विस्तार देते हुए विद्युत विभाग का प्रबंध निदेषक नियुक्त किया। उनके नेतृत्व में विद्युत विभाग ने आपूर्ति में तो काफी हद तक सुधार किया मगर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य काफी पीछे चल रहा है। प्रबंध निदेशक का गृह जनपद होने के कारण गोंडा जनपद में ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य में ढिलाई के बहुत मायने हैं।
आगामी 11 जनवरी को राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन कई आला अपसरों के साथ गोंडा जनपद के दौरे पर आ रहे हैं। वे यहां विकास कार्यक्रमों की समीक्षा के साथ-साथ औचक निरीक्षण भी करेंगे। इससे स्थानीय अधिकारी हलकान हैं। जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय द्वारा जिला पंचायत सभागार में की गई समीक्षा बैठक में कई विभागों की चालू वित्तीय वर्ष की प्रगति शून्य पाई गई। इसमें विद्युत विभाग भी शामिल है।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि 2015-16 में विद्युतीकरण के लिए लक्षित 1836 गांवों में से अब तक एक भी गांव संतृप्त नहीं किया जा सका है। वित्तीय वर्ष के नौ माह बीतने के बावजूद अब तक मात्र 981 गांवों में खंभे लगाने का काम पूरा हो पाया है। डीएम ने अधिशासी अभियंता विद्युत व कार्यदायी संस्था समाज कल्याण निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता को कड़ी फटकार लगाते हुए विद्युतीकरण का काम तेजी से कराने के निर्देश दिए हैं।
राज्य के कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह का गृह जनपद होने के बावजूद कृषि विभाग की स्थिति भी काफी खराब पाई गई। विभाग की समीक्षा के दौरान मालूम हुआ कि रबी की फसल के वास्ते किसानों को जारी 8340 कुंतल बीज के सापेक्ष 6500 कुंतल बीज की बिक्री की जा चुकी है, परन्तु सबसिडी राशि किसानों के खातों के स्थानांतरित करने के लिए गोदाम प्रभारियों द्वारा बिल अब तक नहीं उपलब्ध कराया गया है। सबसिडी की राशि के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं। इससे नाराज डीएम ने जिला कृषि अधिकारी को आधा दर्जन से अधिक गोदाम प्रभारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को तहसील दिवस रजिस्टर का साप्ताहिक निरीक्षण करते रहने और फर्जी आंकड़ों से बाज आने की चेतावनी भी दी। बैठक में मनरेगा उपायुक्त मृणाल सिंह, उपनिदेशक कृशि श्रवण कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव, जिला कृषि अधिकारी विनय सिंह, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान राजेष सिंह सहित पीडब्लूडी व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
