लोकसभा चुनाव में कन्नौज से जीत करने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अब सांसद हो गए हैं। ऐसे में उनको उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा का नेता प्रतिपक्ष किसी और को चुनना होगा। जिसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अखिलेश पीडीए फॉर्मूडे पर आगे बढ़ते हुए हुए किसी दलित विधायक को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
वर्तमान समय में अखिलेश यादव के परिवार से यूपी विधानसभा में उनके चाचा शिवपाल यादव ही एक मात्र विधायक हैं। जानकारी के मुताबिक दलित चेहरे के तौर पर सबसे पहले इंद्रजीत सरोज का नाम सामने आया। जिसके बाद रामअचल राजभर पर दांव लगाने की बात सामने आई।
हालांकि सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं को लेकर अखिलेश ने असहमति जताई है। इसके पीछे की वजह ये है कि ये दोनों बीएसपी से सपा में आए हैं। इंद्रजीत सरोज ने बीते लोकसभा चुनाव में कौशांबी लोकसभा सीट से अपने बेटे पुष्पेंद्र सरोज को टिकट दिलाया है। जहां से पुष्पेंद्र ने जीत दर्ज की है।
जिसके बाद जौनपुर की मछलीशहर सीट से विधायक तुफानी सरोज का नाम सामने आया है। जिसको लेकर सभी सहमति देते नजर आ रहे हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में तुफानी सरोज ने अपनी बेटी प्रिया सरोज को जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा सीट से टिकट दिलाया था जिसमें पार्टी को जीत मिली। पार्टी ने सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई थी जिसमें नेता प्रतिपक्ष को लेकर फैसला होना था। लेकिन सभी विधायकों ने यह फैसला अखिलेश यादव के ऊपर छोड़ दिया है।
सपा प्रमुख लोकसभा चुनाव में यूपी की कन्नौज सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। जहां से उनको जीत दर्ज हुई। जिसके बाद उन्होंने मैनपुरी की करहल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा से इस्तीफा देने के साथ ही अखिलेश ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड़ दिया था। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अखिलेश नेता प्रतिपक्ष बने थे। उनके इस्तीफे के बाद से ही इस पद को लेकर तमाम नेताओं के नाम पर अटकले लगाई जा रही हैं।