Akhilesh Yadav Yogi Adityanath Bulldozer Remark: बुलडोजर एक्शन को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जो लोग घर तोड़ना जानते हैं उनसे आप क्या उम्मीद करेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऐसे लोगों का बुलडोजर हमेशा-हमेशा के लिए गैराज में खड़ा हो जाएगा। यादव ने कहा कि अब किसी गरीब का घर नहीं टूटेगा।
अखिलेश यादव ने यह बात एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कही। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव चल रहा है और इसमें बीजेपी और सपा आमने-सामने हैं। बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली है जबकि सपा की ओर से अखिलेश यादव पूरी ताकत के साथ चुनावी रैलियों और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि वह इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को बधाई और धन्यवाद देते हैं। अखिलेश यादव ने प्रयागराज में छात्रों के द्वारा किए जा रहे विरोध का मुद्दा भी उठाया और कहा कि जो लोग रोजगार नहीं दे सकते, वे छात्रों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत प्रश्न पत्र बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि बीजेपी के लोग हैं और परीक्षा की तारीख तय करने से लेकर रद्द करवाने तक में भी बीजेपी के ही लोग शामिल हैं। यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने लोगों को महंगाई के दलदल में धकेल दिया है।
अखिलेश बोले- बटेंगे तो कटेंगे सबसे खराब नारा
बताना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे के नारे को लेकर उत्तर प्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र और झारखंड में भी सियासी बहस बहुत तेज है। यादव ने इस बयान को असंवैधानिक और भारत के इतिहास का सबसे खराब नारा बताया।
कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया जाएगा। याद दिलाना होगा कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ इस तरह का ही दावा किया था।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी व्यक्ति के घर को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना सिर्फ इसलिए गिरा देना पूरी तरह असंवैधानिक है क्योंकि वह शख्स किसी अपराध में शामिल है। जस्टिस बीएस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
बताना जरूरी होगा कि पिछले कुछ सालों में बुलडोजर एक्शन को लेकर बेहद गंभीर सवाल उठे हैं। उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई की काफी चर्चा रही है और यह मामला अदालतों तक भी पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुलडोजर एक्शन को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हुई है कि क्या अब बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी?
सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी की है। अदालत ने कहा है कि गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर अवमानना की कार्रवाई हो सकती है।