मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 15 साल बाद जीत मिली। लेकिन गुरुवार को दोपहर जब दो चुनाव में हार गए दो दिग्गज कांग्रेस नेता मिले तो अनोखा नजारा देखने को मिला। ये दोनों नेता अजय सिंह राहुल और अरुण यादव थे। जब दोनों नेताओं का प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आमना-सामना हुआ तो दोनों भावुक होकर गले मिल गए। इस दौरान अरुण यादव के आंसू छलक पड़े। अजय सिंह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तो अरुण यादव प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।
छलके आंसुओं पर यह बोले नेता…
छलके आंसुओं पर टिप्पणी करते हुए अजय सिंह ने कहा, ‘यह हार का गम नहीं जीत की खुशी है। कांग्रेस ने सालों बाद जीत हासिल की है, हमारा यही उद्देश्य था, जो पूरा हुआ।’ वहीं अरुण यादव ने कहा कि राहुल भैया से हमारा 40 सालों से रिश्ता है। सरकार बन गई इस बात की खुशी है, हार-जीत तो लगी रहती है।
प्रदेश में जीते तो अपनी ही सीट हार गए
अरुण यादव बुधनी सीट पर शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ लड़े थे, जहां उन्हें 58,999 मतों के बड़े अंतर से शिकस्त मिली। शिवराज के घर में लड़ने के चलते उनकी हार ज्यादा चौंकाने वाली नहीं थी। लेकिन परंपरागत चुरहट सीट से लगातार चार बार के विधायक अजय सिंह राहुल का हार जाना अप्रत्याशित था। उन्हें भाजपा के शरदेंदु तिवारी ने 6,402 मतों से हरा दिया। वे पहली बार इस सीट से हारे हैं।
इन विधायकों ने की इस्तीफे की पेशकश
अजय सिंह की हार से उनके समर्थक विधायकों में भी गम का माहौल है। इस बार जीतकर आए कई विधायक उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक नीलांशु चतुर्वेदी, लक्ष्मण सिंह, सुनीता पटेल, आलोक चतुर्वेदी, सुरेंद्र सिंह और विनय सक्सेना आदि ने प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को इस्तीफे की चिट्ठी सौंपी है।