हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के किले में बीजेपी ने इस बार तगड़ी सेंध लगाई है। हुड्डा दावा करते रहे कि राज्यसभा चुनाव में अजय माकन आराम से जीत जाएंगे, लेकिन जब रिजल्ट आया तो माकन हार गए। वो भी अपनी ही पार्टी के विधायक के कारण।

चुनाव से पहले ही कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई बगावती रुख अपनाए हुए थे, लेकिन उम्मीद थी कि वो साथ दे देंगे, लेकिन बिश्नोई क्रॉस वोटिंग कर गए और माकन की हार इसी वोट से सुनिश्चित हो गई। ये हार भले ही माकन की हुई है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा घाटा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हुआ है। कांग्रेस ने उन्हें यहां पूरी तरह से छुट दे रखी है, इसलिए इस हार में माकन से ज्यादा हुड्डा की हार है।

कैसे हारे माकन- शुक्रवार को कांग्रेस के सभी 31 विधायकों ने मतदान किया था, इसलिए माकन को आराम से जीत जाना चाहिए था। लेकिन हुआ यूं कि बिश्नोई निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में चले गए। वहीं एक और कांग्रेस विधायक किरण चौधरी का वोट गलत तरीके से चिह्नित करने के कारण अमान्य घोषित कर दिया गया।

माकन ने क्या कहा- हार के बाद अजय माकन ने कहा- “वरीयता एक के परिणाम में हम निर्दलीय उम्मीदवार से आगे थे। हमने विरोध किया कि निर्दलीय को दिया गया 1 वोट रद्द कर दिया जाए। लेकिन हमारा वोट रद्द कर दिया गया और उनका अस्वीकृत वोट स्वीकार कर लिया गया। हम कानूनी रूप से इसकी जांच करवा रहे हैं।”

कैसे जीते कार्तिकेय- चुनाव अधिकारियों ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार को जीतने के लिए 30 से कम मतों की आवश्यकता थी और उनके छह से अधिक वोट कार्तिकेय शर्मा को स्थानांतरित कर दिए गए, जिन्होंने माकन को बाहर कर दिया। माकन को कोई दूसरी वरीयता का वोट नहीं मिला और शर्मा को विजेता घोषित किया गया।

अब कांग्रेस बागी रुख अपना चुके विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी से बाहर करने की तैयारी कर रही है।