ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रही एक डिबेट के दौरान AIMIM प्रवक्ता अब्दुल मन्नान ने बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया से सवाल किया कि जो काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग रखे हैं, उनको मानते हैं या फिर ज्ञानवापी में रखे हुए फव्वारे को शिवलिंग मानते हो। इस पर पहले फैसला कर लीजिए।उन्होंने कहा कि पहले ये बताइए कि काशी विश्वनाथ में जो शिवलिंग रखा हुआ है। जिसकी हिंदू भाई पूजा करते हैं। जिसके लिए मोदी जी ने इतना खर्च करके शिवलिंग वहां स्थापित किया। उसको भोलेनाथ का सिंबल माना जाता है। हिंदू धर्म में केवल 12 ज्योतिर्लिंग हैं। जो नेचुरल प्रकट हुए। बाकी सब बनाई गईं शिललिंग हैं।
मन्नान ने कहा कि आप नजायज तरीके से एक लीक वीडियो को लेकर उस पर डिबेट करा रहे हो। क्योंकि जुलाई तक उस पर सुनवाई नहीं होनी है। इसलिए आप इस मुद्दे पर मीडिया ट्रायल करा रहे हो। आप फव्वारे को शिवलिंग कह रहे हो। हिंदू धर्म के लोगों को गुमराह कर रहे हो और लोगों को ये बताना चाहते हो कि ये शिवलिंग है, ये मंदिर है। उन्होंने कहा कि जब तक प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 है, तब तक वो मस्जिद रहेगी।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया के ने कहा कि हमें वही नजर आ रहा है, जो पूरी दुनिया को नजर आ रहा है। भोलेनाथ का शिवलिंग है, शिवलिंग-शिवलिंग ही रहेगा’। उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष के पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है। सत्य को कोई भी परेशान और पराजित नहीं कर सकता। जबकि मुस्लिम पक्ष के पास कुछ दिखाने के लिए नहीं है। इसीलिए यह लोग घबराए हुए हैं। उन्होंने न्यायालय फैसला कर देगा, सच बाहर आ जाएगा। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। तो इनको दिक्कत क्या है। AIMIM के प्रवक्ता किस तरह की बात करते हैं। नाम में मुसलमीन है, इसीलिए ऐसी बातें करते हैं।
भाटिया ने कहा कि मैं इनके माध्यम से पूछना चाहता हूं कि आज ओवैसी ने कहा कि 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट है, तो पहले उनसे पूछिए 1991 का जब एक्ट है तो सीएए क्या स्क्रैब्ड है। ये लोग कहते हैं कि मुकदमा डालकर हमारी मस्जिद को छीन लिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर जहां बन रहा है, उसको किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। मुकदमा डालना क्या लोकतंत्र में गैरकानूनी हो गया, लेकिन मदनी जी और सभी मुसलमान इकट्ठे होकर भीड़ तंत्र की ताकत दिखाएं। न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश करें। क्या ये गैरकानूनी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये लोग कहते थे कि वह खुदा के सिवा किसी से नहीं डरते तो फिर खुदाई से क्यों डरते।