बिहार के विधानसभा चुनाव के रूझानों में जो सबसे अहम बात निकलकर सामने आ रही है, वह यह कि क्या आरजेडी के सबसे बड़े चेहरे तेजस्वी यादव की एक टिप्पणी पार्टी को भारी पड़ गई है? विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक पॉडकास्ट में तेजस्वी यादव ने एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को एक्स्ट्रीमिस्ट यानी कट्टरपंथी कहा था।

तेजस्वी यादव से पॉडकास्ट में पूछा गया था कि उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी के साथ गठबंधन क्यों नहीं किया। इसके जवाब में ही तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी की थी।

तेजस्वी की इस टिप्पणी के बाद असदुद्दीन ओवैसी उन पर फायर हो गए थे और उन्होंने तेजस्वी यादव पर ताबड़तोड़ हमले किए थे।

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मुस्लिम समुदाय के अपमान का आरोप

ओवैसी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में विशेषकर सीमांचल के इलाके में तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। ओवैसी ने कहा था कि तेजस्वी यादव ने उन्हें कट्टरपंथी कहकर मुस्लिम समुदाय का अपमान किया है। ओवैसी ने तो एक चुनावी रैली में यहां तक कह दिया था कि क्या तेजस्वी यादव को अंग्रेजी में एक्स्ट्रीमिस्ट लिखना आता है।

ओवैसी ने एक चुनावी जनसभा में लोगों से पूछा था, “क्या वह लोगों को चरमपंथी लगते हैं, वह अपने चेहरे पर दाढ़ी रखते हैं, सिर पर टोपी रखते हैं, नमाजी हैं, अल्लाह की इबादत करने वाले हैं और क्या इसलिए वह चरमपंथी हैं।”

एआईएमआईएम ने मांगी थी 6 सीटें

एआईएमआईएम ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बनने की काफी कोशिश की थी। इस संबंध में पार्टी की ओर से राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पत्र भी लिखा गया था और उनसे 6 सीटें देने की मांग की गई थी। काफी कोशिश के बाद भी एआईएमआईएम को महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया गया।

इसके बाद ओवैसी कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार के विधानसभा चुनाव में उतर गए थे लेकिन चुनाव के नतीजों से यह साफ दिखाई देता है कि ओवैसी को कट्टरपंथी कहने से तेजस्वी यादव को नुकसान हुआ है।

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मुस्लिम समुदाय को नागवार गुजरी टिप्पणी

ओवैसी ने सीमांचल के इलाके में धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। आरजेडी का आधार वोट बैंक मुस्लिम और यादव को ही माना जाता है। बिहार में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 18% के आसपास है। जब तेजस्वी यादव की यह टिप्पणी आई थी और इसके विरोध में ओवैसी ने ताबड़तोड़ हमले किए थे तब भी इस तरह की चर्चा थी कि क्या मुस्लिम समुदाय राजद और महागठबंधन से छिटक जाएगा?

रुझानों को देखकर कहा जा सकता है कि तेजस्वी यादव के द्वारा की गई टिप्पणी मुस्लिम समुदाय को नागवार गुजरी है और उसने आरजेडी को सबक सिखाया है।

बिहार चुनाव: दोपहर 2:00 बजे तक की स्थिति

202
एनडीए सीटें
सत्ता में वापसी पक्की
122
जरूरी बहुमत
80 सीट ज्यादा मिली
मुख्य गठबंधनों की स्थिति
91
भाजपा सीटें
सबसे बड़ी पार्टी
79
जदयू सीटें
दूसरी बड़ी पार्टी
27
राजद सीटें
मुख्य विपक्ष
4
कांग्रेस सीटें
बड़ा नुकसान
समय के साथ रुझान और प्रभुत्व
+16
सुबह 11:30 से
दोपहर 2:00 तक वृद्धि
83.1%
एनडीए का हिस्सा
243 में से 202 सीट
31
छोटे दल + अन्य
एआईएमआईएम, लेफ्ट
37.4%
भाजपा अकेले
91/243 सीटों पर
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