कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में दलित पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो थे लेकिन इस यात्रा की वजह से वह नए-नए विवादों में फंस गए हैं। ‘फर्जी मां’ से मिलने के अलावा अब एक नया विवाद सामने आया है। खबर है कि एक पीड़ित जिसे डिस्चार्ज किया जा चुका था उसे राहुल गांधी के आने की खबर मिलने के बाद दोबारा से हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जिस शख्स के दोबारा हॉस्पिटल में भर्ती करवाने की बात सामने आई है उसका नाम रमेश सावरिया है। 23 साल का रमेश उन 7 लोगों में से था जिसे मरी हुई गाय की चमड़ी उतारने के आरोप में कुछ गऊ रक्षकों ने ऊना में पीटा था।
डॉक्टरों पर था राजनीतिक दवाब: इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान राजकोट और ऊना के डॉक्टरों ने बताया कि उनपर राजनीतिक दवाब था। राजकोट के सरकारी हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर ने कहा, ‘4 मरीज ठीक हो गए थे उन्हें किसी भी वक्त डिस्चार्ज किया जा सकता था। 11 लोग जिन्होंने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी वे भी ठीक थे और घर जा सकते थे लेकिन राजनीतिक दवाब की वजह से उन्हें हॉस्पिटल में ही रोकना पड़ा। अलग-अलग पार्टी के नेता आकर हमसे कह रहे थे कि उन लोगों की हालत खराब है और उन्हें घर नहीं भेजा जाना चाहिए।’
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मिली जानकारी के मुताबिक, रमेश को जूनागढ़ हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करके घर भेज दिया गया था। बावजूद इसके, गुरुवार (21 जुलाई) को राहुल के दौरे के दौरान वह हॉस्पिल में लेटा मिला। हॉस्पिटल के कागजात देखने पर पता लगा कि रमेश को राहुल गांधी के आने से 7 घंटे पहले ही वहां भर्ती करवाया गया था।
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