गुजरात की भाजपा सरकार को ‘‘दलित विरोधी’’ बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित गौरक्षकों द्वारा दलित समुदाय के व्यक्तियों पर हमले की घटना के पीड़ितों तथा उनके परिवारों से शुक्रवार को मुलाकात की और राज्य प्रशासन पर साठगांठ का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी प्रमुख ने दावा किया कि यह ‘‘अकेली’’ घटना नहीं है और पूरे गुजरात में दलितों पर ‘‘अत्याचार’’ किये जा रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर भाजपा सरकार ‘‘दमन’’ जारी रखती है तो उसे सभी समुदायों के सदस्यों द्वारा ‘‘सबक सिखाया’’ जाएगा।
केजरीवाल ने राजकोट सरकारी अस्पताल में 11 जुलाई की घटना के पीड़ितों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस की उपस्थिति में एक थाने के सामने पिटाई की घटना हुई…इसका मतलब यह हुआ कि यह सब प्रशासन के इशारे पर हो रहा है। पुलिस चुप क्यों है? वह शामिल क्यों है? इसका मतलब शीर्ष प्रशासन से कुछ निर्देश मिले हैं।’’ केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘गुजरात की भाजपा सरकार दलितों पर अत्याचार कर रही है और वह दलित विरोधी है।’’
उनके दौरे से एक दिन पहले कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीड़ितों से मिले थे। दो दिन पहले गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भी इस जगह का दौरा कर चुकी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने की राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किये।
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि केवल 17 लोग गिरफ्तार हुए हैं जबकि 11 जुलाई की घटना में करीब 40…50 लोग कथित रूप से शामिल थे। उन्होंने कहा कि सुरेंद्रनगर जिले के थानगढ़ में 2012 में पुलिस गोलीबारी में दलितों की मौत के मामले में अब तक कोई आरोपपत्र दायर नहीं हुआ है। वर्ष 2012 में पुलिस गोलीबारी में तीन दलितों की मौत हुई थी।