भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ’ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। विपक्ष इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहा है जबकि भाजपा की सहयोगी जदयू ने भी कहा है कि सरकार को इस योजना पर फिर से विचार करना चाहिए। जदयू के इस बयान पर बिहार भाजपा के प्रमुख संजय जायसवाल भड़क गए। उन्होंने जदयू को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी को पहले इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि स्नातक की पढ़ाई तीन साल में पूरी हो।

संजय जायसवाल ने जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि आज, 2019 में नामांकित छात्रों ने अभी तक अपनी द्वितीय वर्ष की परीक्षा नहीं दी है। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जदयू अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने की बात कर रही है। जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने हाल ही में अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध के बाद प्रतिक्रिया दी थी।

केसी त्यागी ने कहा था कि वे अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए नहीं कह रहे हैं, बल्कि युवाओं की नाराजगी को देखते हुए इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में देखने को मिला है। यहां प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया और जगह-जगह लूटपाट की। वहीं, इस हिंसक प्रदर्शन के पीछे कोचिंग सेंटरों की संदिग्ध भूमिका की जांच भी की जा रही है। बिहार के अलावा, यूपी, हरियाणा, तेलंगाना और पंजाब में भी इस योजना का विरोध देखने को मिला है।

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने एक कोचिंग सेंटर पर छापेमारी की थी। इसके पहले, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने भी इस बात की तरफ इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के मोबाइल से कुछ कोचिंग सेंटर्स के वीडियो फुटेज और फोटो मिले हैं। उन्होंने कहा था कि जांच में दोषी पाए जाने पर इन कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।