Delhi News: पटपड़गंज वार्ड की भारतीय जनता पार्टी की पार्षद रेणु चौधरी का दिल्ली के एक सार्वजनिक पार्क में एक विदेशी फुटबॉलर से बहस करते और हिंदी न बोलने के लिए उसे फटकारते हुए एक वीडियो वायरल हो गया है। बीजेपी पार्षद ने विदेशी नागरिक को चेतावनी दी है कि जिस देश का वह पैसा खा रहे हैं, मुंह से उस देश की मात्र भाषा बोलनी पड़ेगी। एक महीने के अंदर उसे हिंदी सीखनी होगी।

शनिवार को अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में चौधरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आप सीरियस नहीं हैं। तुम सीरियस हो ही नहीं मेरी बात के लिए। सुन के भी राजी नहीं हो तुम। क्यों नहीं सीखी हिंदी। अगर इसने एक महीने में हिंदी नहीं सीखी तो इससे पार्क छीन लो। ये हंसने की बात नहीं है, मैं सीरियस बात बोल रही हूं। ये बात बताए हुए मुझे आठ महीने हो गए हैं। अगर एक महीने में हिंदी नहीं सीखी, यहां की मातृभाषा नहीं सीखी, यहां का पैसा खा रहे हो तो मुंह से हिंदी बोलना भी सीखो।

वीडियो में वह कहती हैं, “सब सोसाइटी वालों ने बोला था कि वह हमारे बच्चों को सिखाता है, इसलिए मैंने छोड़ दिया था।” वीडियो के एक दूसरे हिस्से में, चौधरी किसी ऐसे व्यक्ति की ओर उंगली से इशारा करती हुई दिखाई देती हैं जो फ्रेम में दिखाई नहीं दे रहा है और पार्क के नियमों और सुरक्षा से संबंधित चेतावनी दे रही हैं। वह कहती हैं, “बता रही हूं तुझे, 8 बजे पार्क बंद हो जाना चाहिए, कोई भी आपराधिक गतिविधि होगी तो तुम जिम्मेदार हो।”

विदेशी फुटबॉलर ने क्या कहा?

टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी फुटबॉलर ने कहा, “हर सेशन में हमारे पास 40-45 छात्र होते थे। यह बहुत आनंददायक था। कोविड आने तक सब कुछ सही तरीके से चल रहा था।” महामारी की वजह से एकेडमी बंद होने के बाद उन्होंने कोचिंग फिर से शुरू की और इस बार वंचि बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “2022 से, मैंने प्रतिभाशाली लेकिन संसाधनों से रहित बच्चों को चुना है, उन्हें जर्सी दी है और उन्हें प्रतियोगिताओं में भेजा है।”

ये भी पढ़ें: बिना PUC वाले वाहनों का चालान नहीं होगा माफ

उन्होंने कहा, “कई लोग सेना अधिकारी और पुलिसकर्मी बन गए हैं।” विदेशी नागरिक ने बताया कि यह घटना 13 दिसंबर को हुई, जब वह अपने भारतीय दोस्तों के साथ फुरसत में पार्क में फुटबॉल खेल रहा था। उसने कहा, “पहले तो मैंने इसे मजाक समझा, वह एक अच्छी महिला लग रही थी। लेकिन फिर वह बार-बार वही बात दोहराती रही।” उसने आगे बताया कि इस घटना ने उसे बुरी तरह डरा दिया है। उसने कहा, “मैं डरा हुआ हूं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो मुझे जल्द ही यहां से जाना पड़ सकता है।”

पार्षद ने दी सफाई

भारतीय जनता पार्टी की पार्षद ने वीडियो वायरल होने के बाद सफाई दी है। पार्षद ने कहा कि उनका इरादा किसी को धमकाने का नहीं था, बल्कि कोच और स्थानीय अधिकारियों के बीच कम्युनिकेशन को आसान बनाना था। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली नगर निगम के ज्यादातर कर्मचारी इंग्लिश नहीं समझते हैं।

पार्षद ने वीडियो मैसेज में कहा, “हुआ ये कि मैंने आठ महीने पहले उनसे रेवेन्यू देने को कहा था, क्योंकि वो एमसीडी का पार्क था और वो उसका इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कर रहे थे। चूंकि वो बच्चों से फुटबॉल सिखाने के लिए पैसे ले रहे थे, इसलिए मैंने उनसे एमसीडी को रेवेन्यू देने को कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें हिंदी समझ नहीं आती। एमसीडी के अधिकारी ने भी कहा था कि चूंकि उन्हें हिंदी नहीं आती, इसलिए उन्हें उनसे बात करने में दिक्कत हो रही है।”

चौधरी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने उससे बुनियादी हिंदी सीखने को कहा और उसके लिए एक ट्यूटर का इंतजाम करने की भी पेशकश की। मैंने उसके लिए एक ट्यूटर का इंतजाम करने की पेशकश की, ताकि वह बुनियादी हिंदी सीख सके और मैं उसका खर्च भी उठाऊंगी। लेकिन उसने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अपनी मांग का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैंने जो कुछ भी कहा वह गलत था। हमारे देश में ज्यादातर लोग हिंदी बोलते हैं, इसलिए (विदेशियों के लिए) भाषा सीखने में कुछ भी गलत नहीं है।”

ये भी पढ़ें: ‘गंभीर मुद्दे का मजाक’, AAP ने बनाया प्रदूषण पर गाना तो भड़की बीजेपी