सूर्य ग्रहण के बाद भागलपुर के गंगा नदी घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। महिलाएं, पुरुष, बच्चे इस कदर पहुंचे कि लगा कोरोना ही इनसे डरा है। हर-हर गंगे के जयकारे के साथ हजारों लोगों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई। जबकि सूबे में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

इतवार की शाम तक राज्य में संक्रमित मरीजों की तादाद 7602 हो चुकी है। इनमें भागलपुर 360 संक्रमित मरीजों के साथ दूसरे नंबर पर है। पटना 400 मरीजों के साथ अव्वल है। स्वास्थ्य महकमा के जारी आंकड़े के मुताबिक 347 मरीजों के साथ तीसरे स्थान पर बेगूसराय है। मधुबनी 341 व रोहतास 314 रोगियों के साथ चौथे व पांचवें स्थान पर है। सुखद बात यह है कि अबतक 5631 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए है। इतवार को एक दिन में 264 मरीज ठीक हुए है। कुल अबतक 49 मौतें भी हुई है।

संक्रमण के आंकडों में रोजाना इजाफा हो रहा है। फिर भी लोग बेपरवाह है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग, और हाथों को धोने की बात तो दूर है बल्कि लोग जहां-तहां गुटका-खैनी खाकर थूक रहे थे। सामूहिक धार्मिक आयोजन पर रोक है। मगर गंगा नदी पर सूर्यग्रहण के बाद स्नान के लिए जुटी भीड़ ने सब नियमों की धज्जियां उड़ा दी।

किसी ने भी नियम का पालन नहीं किया। ई-रिक्शा और ऑटो ठसाठस भरकर गंगा स्नान के लिए लोग आए। इन्हें रोकने-टोकने वाला नदी किनारे घाटों पर एक सिपाही भी कहीं नजर नहीं आया। लोग बेपरवाह और बेख़ौफ़ हो एक दूसरे का हाथ पकड़ गंगा नदी में डुबकी लगाते दिखे।

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान कर अपने को शुद्ध करने की पौराणिक व शास्त्रीय परंपरा मानी जाती है। यह इनकी आस्था की बात है। मगर ऐसी महामारी के समय में सामूहिक धार्मिक आयोजन पर सरकारी रोक लगी है। लॉकडाउन भी लागू है। यह अलग बात है कि इसमें थोड़ी ढील दी गई है। मगर इस ढील की आड़ में सब खुला है। ऐसे में संक्रमण रोकना राम भरोसे है। यह बात वरीय वकील हरिप्रसाद शर्मा सरीखे जागरूक लोग बोलते हैं।