लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके ने पूरी दुनिया को हिला दिया।असुरक्षित तरीके से स्टोर किए गए अमोनियम नाइट्रेट  में धमाके के बाद सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इस घटना के सामने आने के बाद अमोनियम नाइट्रेट का भंडारण करने वाले देश सचेत होते नजर आ रहे हैं।  भारत में भी पांच साल से चेन्नई के पास 700 टन अमोनियम नाइट्रेट मौजूद है।

सीमा शुल्क अधिकारी ने कहा कि 2015 में तमिलनाडु के एक आयातक से 1.80 करोड़ रुपये का रसायन जब्त किया गया था, आयातक ने इसे उर्वरक ग्रेड का बताया था जबकि यह विस्फोटक ग्रेड का था। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया से आयात की गई खेप सुरक्षित है और इसकी ई-नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।

उधर, अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सभी फील्ड कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे 48 घंटे में यह जांच करे कि सीमा शुल्क के भंडारगृहों और बंदरगाहों में रखी विस्फोटक सामग्री सभी सुरक्षा और आग से बचाव के मानकों को पूरा करती है और इससे लोगों के जीवन को कोई खतरा नहीं है।

सीबीआईसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने यह ऐहतियाती कदम लेबनान में इसी तरह की सामग्री में विस्फोट की की घटना के मद्देनजर उठाया है। सीबीआईसी ने ट्वीट किया, ‘‘सीमा शुल्क और फील्ड कार्यालयों को निर्देश दिया जाता है कि वे भंडारगृहों और बंदरगाहों पर रखी विस्फोटक सामग्री की जांच करें और यह देखे कि इनका भंडारण सुरक्षा और आग से बचाव के मानकों के अनुरूप किया गया है और इनसे लोगों के जीवन को कोई खतरा नहीं है।’’

लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को एक बंदरगाह पर हुए विस्फोट में 135 लोग मारे गए और 5,000 से अधिक घायल हो गए। माना जा रहा है कि बेरूत बंदरगाह के गोदाम में रखे 2,000 टन से अधिक अमोनियम नाइट्रेट की वजह से यह हादसा हुआ।

(भाषा इनपुट्स के साथ)