उत्तर प्रदेश में एक भाजपा विधायक ने सुल्तानपुर के नाम को बदलने का प्रस्ताव कल (गुरुवार) को विधानसभा में पेश किया। भाजपा विधायक ने सुल्तानपुर का नाम भगवान राम के पुत्र पर रखने का प्रस्ताव पेश किया है। बता दें विधानसभा में इस प्रस्ताव पर सेक्शन 103 के तहत चर्चा होगी।
क्या है मामला
दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के लम्भुआ का है। जहां पहली बार चुनाव जीत कर आए भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने सुल्तानपुर के नाम को बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया है। शहर का नाम सुल्तानपुर से बदलकर कुश भावनपुर करने की अर्जी दी गई है। जिस पर विधानसभा में सेक्शन 103 के तहत चर्चा होगी।
ऐतिहासिक साक्ष्य हैं मौजूद
इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज के पूर्व अधिकारी रहे विधायक देवमणि द्विवेदी का कहना है कि उनके पास सुल्तानपुर के नाम को बदलने का ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद है। उन्होंने कहा कि शहर पहले कुश भावनपुर के नाम से जाना जाता था। यही नहीं इसके साथ ही इसे कुशपुर और कुशावटी के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन इसका सबसे प्रसिद्ध नाम कुश भावनपुर था। देवमणि कहते हैं कि महान कवी कालिदास की महाकाव्य रघुवंश, इतिहासविद एलेग्जेंडर कन्निघम और सुल्तानपुर के राजपत्र के रिकॉर्ड के मुताबिक शहर का नाम यही थी। लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल के दौरान इसका नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया था।
भाजपा सरकार का चौथा शहर ?
गौरतलब है कि अगर ये प्रस्ताव मंजूर होता है तो भाजपा सरकार आने के बाद ये चौथा शहर होगा, जिसका नाम बदला जाएगा। इससे पहले इलाहबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद को बदलकर अयोध्या किया गया है। इसके साथ ही मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया है। वहीं अगर ये प्रस्ताव पारित हो गया तो ये चौथा शहर होगा जिसका नाम भाजपा सरकार के दौरान बदला जाएगा।
सपा-बसपा हैं असहमत
जानकारी के मुताबिक इस प्रस्ताव के लिए सपा और बसपा सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि ये संघ की रणनीति है जिसे लागू कर मुस्लिम शहरों का नाम बदला जा रहा है। इसके साथ ही सरकार अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। वहीं करछना से सपा विधायक उज्जवल रमण सिंह का कहना है कि बुलंदशहर हिंसा, अस्पताल में मौत, अंतरजातीय प्रेमी युगलों पर हमले और फर्जी एनकाउंटर जैसे मुद्दों को भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।