छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेश बघेल दूसरे ऐसे नेता हैं, जो दुर्ग जिले से ताल्लुक रखते हैं। भूपेश से पहले दुर्ग जिले से मोतीलाल वोरा दो बार अविभाजित मध्यप्रदेश की कमान संभाल चुके हैं।

2014 से पीसीसी चीफ थे भूपेश बघेल

57 साल के भूपेश अक्टूबर 2014 से पीसीसी चीफ थे। उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में जैसे ही घोषित किया गया, उनके घर में समर्थकों की भीड़ लग गई। इसके अलावा रविवार सुबह 10 बजे से ही दुर्ग-भिलाई के कांग्रेसी नेता रायपुर कांग्रेस भवन में इकट्ठे होने लगे। सुबह 7 बजे सांसद ताम्रध्वज साहू दिल्ली से लौटे। उनके बाद भूपेश बघेल 8:30 बजे अलग-अलग विमान से रायपुर पहुंचे। साहू ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुद को मुख्यमंत्री के लिए दावेदार नहीं बताया। वहीं, रायपुर में जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद भूपेश रविवार रात तकरीबन 10:30 बजे भिलाई-3 स्थित अपने निवास पहुंचे।

भिलाई मेयर देवेंद्र को भी मिल सकती है कोई जिम्मेदारी
भिलाई मेयर और विधायक देवेंद्र यादव भी भूपेश बघेल के साथ दिल्ली में थे। तीन दिन बाद दोनों रविवार को साथ लौटे। देवेंद्र भूपेश के करीबी माने जाते हैं। मंत्री नहीं तो युवा होने के नाते देवेंद्र को सरकार में कोई जिम्मेदारी मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा है।

जिगरी दोस्त ने कहा- ज्यादा हंसी मजाक नहीं करते भूपेश
भूपेश के बचपन के दोस्तों में से एक परमानंद टिकरिया बताते हैं, ‘‘भूपेश बघेल के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे कि बचपन में वे काफी अंतरमुखी थे। किसी से अधिक बात करना उन्हें पसंद नहीं। दोस्तों में ही हंसी-मजाक करते हैं। नई जगह पर घुलने-मिलने में उन्हें परेशानी होती थी। घर में सबसे बड़े होने की वजह से उन पर जिम्मेदारी डाल दी गई। तब किसी को यकीन नहीं था, वो यहां तक आएंगे।’’

भाई ने कहा- आपस में कभी राजनीति की बातें नहीं होती
भूपेश बघेल के सबसे छोटे भाई हितेश अब भी बेलौदी में रहकर खेती-बाड़ी का काम देखते हैं। उन्होंने बताया कि उम्र में काफी बड़े होने की वजह से उनके बीच कभी भी ज्यादा बातचीत नहीं होती। इतने साल में दोनों में किसी प्रकार की राजनीतिक बातें नहीं हुईं।

सीएम हाउस के सामने से गुजरते वक्त कहा था- मैं भी बनूंगा सीएम
भूपेश के एक करीबी बताते हैं कि करीब 10 साल पहले भूपेश विधायक थे। एक दिन वे बलौदाबाजार से कार से लौट रहे थे। रात करीब साढ़े 8 बजे वे सीएम हाउस के सामने से गुजरे। उस दौरान अपने साथ बैठे लोगों से भूपेश ने कहा था, ‘‘देखना एक दिन हम भी सीएम हाउस में रहेंगे।’’