अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी ने देश की कमियों को दूर कर इसे सामने लाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। इंदौर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शबाना ने कहा कि देश में माहौल कुछ इस तरह का बनाया जा रहा है कि सरकार की बुराई करने वाले लोगों को तत्काल ‘राष्ट्रविरोधी’ कह दिया जाता है।

शबाना ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बतायें। अगर हम बुराइयां बतायेंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लायेंगे? लेकिन वातावरण इस तरह का बन रहा है कि अगर आपने खासकर सरकार की बुराई की, तो आपको फौरन ‘राष्ट्रविरोधी’ कह दिया जाता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिये और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत भी नहीं है।’

शबाना आजमी ने कहा , ‘हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े हैं। हमें मौजूदा हालात के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिये।” आजमी ने साम्प्रदायिकता का विरोध करते हुए कहा, ‘हिंदुस्तान एक खूबसूरत मुल्क है। लोगों को बांटने की कोशिश इस मुल्क के लिये सही नहीं हो सकती।’ मशहूर अभिनेत्री ने यह भी कहा कि सांप्रदायिक दंगों से सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं को होती है।

उन्होंने कहा, ‘दंगों  से एक महिला का घर बर्बाद होता है, उसके बच्चे बेघर होते हैं और वे स्कूल नहीं जा पाते। साम्प्रदायिकता की सबसे बड़ी शिकार महिला ही बनती है।’ आधी आबादी के हित में उल्लेखनीय योगदान के लिये आजमी को शहर के आनंदमोहन माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ‘कुंती माथुर सम्मान’ से नवाजा गया। वह सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे।