ओडिशा के कालाहांडी जिले में महिला शिक्षिका की हत्या का आरोपी गोविंद साहू बोलंगिर जेल परिसर में एक पेड़ से लटका हुआ मिला। पुलिस का कहना है कि जेल के अफसरों ने जो कहानी बताई है उसमें कई सारे झोल हैं। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी जेल शुभाकांत मिश्रा ने कहा कि वो खुद सारे मामले को देख रहे हैं। आरोपी अफसरों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। साहू की मौत काफी चौंकाने वाली है। वो नवीन पटनायक कैबिनेट में मंत्री रहे डीएस मिश्रा का काफी करीबी बताया जाता है। कालाहांडी मामले से मिश्रा का कनेक्शन जोड़कर देखा जा रहा था। विपक्ष के शोरगुल के बाद उनको सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। मिश्रा केवल छह माह के लिए मंत्री रह सके थे।
महिला शिक्षक कालाहांडी के महालिंग में काम करती थी। साहू स्कूल की प्रबंध समिति का अध्यक्ष था। वो बीते साल 8 अक्टूबर को लापता हो गई थी। उसके बाद 19 अक्टूबर को उसके शरीर के हिस्से स्कूल से ही मिले थे। शिक्षिका की हत्या की खबर फैलते ही मामले ने जोर पकड़ लिया। मंत्री डीएस मिश्रा का नाम सामने आया तो विपक्ष ने हंगामा मचा दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को उन्हें सरकार से बाहर करना ही पड़ गया। विपक्ष का आरोप है कि मंत्री सारे मामले के सूत्रधार हैं। इस मामले में साहू काफी महत्वपूर्ण कड़ी था। उसके मरने के बाद माना जा रहा है कि शिक्षिका की हत्या मामले के कई साक्ष्य खत्म कर दिए गए।
पुलिस ने अपनी विवेचना के बाद कहा है कि महिला शिक्षक ने साहू को धमकी दी थी। वो उसकी निजी जिंदगी को लेकर कई आरोप जड़ रही थी। इसी वजह से साहू ने उसकी हत्या की। हत्या के बाद उससे जुड़ी चीजों को आग लगा दी गई थी। कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा का कहना है कि इस वारदात की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। कांग्रेस के ही दूसरे विधायक सुरेश राउत्रे ने न्यायिक जांच की मांग की है। ओडिशा बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रुति पटनायक का कहना है कि साहू के संबंध बीजेपी के नेताओं से थे। इसी वजह से उसे मारा गया। सरकार नहीं चाहती कि शिक्षिका की हत्या पर से परदा हट सके।