राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट की वजह से कन्हैया लाल नाम के एक टेलर की आरोपियों ने गला काटकर हत्या कर दी थी। हत्यारों ने हत्या का वीडियो रिकॉर्ड कर पीएम मोदी को भी धमकी दी थी। इस मुद्दे पर न्यूज़ 18 पर एक टीवी डिबेट के दौरान वकील सुबुही खान ने कहा कि वो हमारे बच्चे हैं जिनको मानसिक तौर पर गुलाम बनाया जा रहा है। मानिए कि वो हमारे बच्चे हैं जो आतंकवादी बन रहे हैं।

इस दौरान सुबुही खान ने कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि जिस समाज के द्वारा अपराध और कट्टरवाद किया जाता है उसी समाज के लोग आगे आकर उसकी निंदा करें क्योंकि अपने घर को साफ रखने की ज़िम्मेदारी हमारी ही होती है।” उन्होंने कहा, “वो कहते हैं कन्हैयालाल के हत्यारे हमारे नहीं हैं। यही समस्या है कि आप मुसलमान बच्चों को अपना समझते ही नहीं हैं। आप उसे सिर्फ वोटबैंक मानते हैं, उसे अपना मानिए।”

हमारे बच्चों को भ्रमित किया जा रहा: सुबुही खान ने कहा, “मानिए कि वो हमारे बच्चे हैं जो आतंकवादी बन रहे हैं, मानिए कि वो हमारे बच्चे हैं जिनको अलगाववादी और कट्टरवादी बनाया जा रहा है। हमारे बच्चे हैं जिनको भारत से अलग किया जा रहा है, वो हमारे बच्चे हैं जिनको भ्रमित किया जा रहा है।” वकील ने आगे कहा कि वो हमारे बच्चे हैं जिन्हें मानसिक तौर पर गुलाम बनाया जा रहा है।

सुबुही खान ने आगे कहा, “हम इस्लाम के खिलाफ नहीं इस्लामिक स्टेट की वैचारिक अनुकूलता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले क्या हुआ इस्लाम के नाम पर उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, पर अभी जो हो रहा है उसकी निंदा न कर, आतंकवाद को मौन समर्थन दे रहे हैं तो हम जिम्मेदार हैं।

हमने इस्लाम में ये कभी नहीं सुना: इसके जवाब में मुल्सिम स्कॉलर शोएब जमई ने कहा कि सर तन से जुदा हमने इस्लाम में कभी नहीं सुना, न हमें मदरसा में पढ़ाया गया। उन्होंने कहा, “समाज में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। इस देश में एक सभ्यता है, एक संस्कृति है। लोग गीता, रामायण पढ़ते हैं, आश्रम में रहते-पढ़ते हैं। इसी समाज से शंभूलाल रैगर निकलता है जो हत्या कर, जला कर लाइव वीडियो बनाता है और लोग उसे हीरो बना देते हैं।” उन्होंने कहा कि गलती गीता, कुरान में नहीं है, गलती ये है कि आप क्या सबक लेते हैं।