उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनावों ने सूबे की सियासत को हवा दे दी है। उपचुनाव होने वाली दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था। रामपुर से आजम खान सांसद थे तो आजमगढ़ से अखिलेश यादव। अब जब उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है सूबे में बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। आजमगढ़ से बीजेपी ने एक बार फिर निरहुआ को मौका दिया है तो वहीं सपा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने गुड्डू जमाली को लेकर बसपा पर तंज कसा है।

अब्बास अंसारी ने आजमगढ़ उपचुनाव में आजमगढ़ से प्रत्याशी गुड्डू जमाली सहित बसपा पर तंज कसते हुए कहा, दिक्कत गुड्डू चचा में नहीं है, दिक्कत गुड्डू चचा जिस हाथी पर सवार हैं… वो हाथी बिदक गया है और बिदक कर वो कमल की ओर चल दिया है। अब्बास अंसारी के इस बयान का मतलब सीधे तौर पर समझा जा सकता है। अब्बास यहां आजमगढ़ की जनता को सीधा संदेश दे रहे हैं कि इस उपचुनाव में बीएसपी और बीजेपी एक हो चुके हैं। अगर आपको इन्हें हराना है तो आपको भी एकजुट होना पड़ेगा।

गुड्डू जमाली के आने से त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
आपको बता दें कि 23 जून को उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से एक सीट रामपुर की है जहां से आजम खान सांसद हुआ करते थे। विधानसभा चुनाव में आजम खान ने जेल से ही लड़े और जीतकर वापस आए जिसकी वजह से उन्हें यहां से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव सांसद थे। उन्होंने भी विधानसभा चुनाव के दौरान यहां से इस्तीफा दिया था और अब उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से लोकसभा के रण में उतरे हैं जिनका सीधा मुकाबला बीजेपी के निरहुआ उर्फ दिनेश लाल यादव से है।

रामपुर में बीजेपी ने सपा के खास रहे घनश्याम लोदी पर खेला दांव
वहीं रामपुर में कभी खुद को समाजवादी पार्टी का ‘हनुमान’ बताने वाले पूर्व सपा एमएलसी और आजम खान के करीबियों में से एक घनश्याम लोधी को बीजेपी ने रामपुर से मैदान में उतारा है। आपको बता दें कि जब आजम खान जेल में थे तब वो खुद को उनका ‘हनुमान’ बताते थे। जबकि अखिलेश यादव कभी भी आजम खान से मुलाकात करने जेल नहीं गए थे। सियासी गलियारों में इस बात को लेकर लगातार हलचल है कि आखिर रामपुर से बीजेपी ने नकवी को क्यों नहीं उतारा?