दिल्ली के समयपुर बादली इलाके में हैरान कर देने वाली एक घटना समाने आई है। पुलिस ने एक कमरे में बंद दो मासूम बच्चियों की बचाया बचाया। बच्चियों की उम्र आठ साल और तीन साल है। पुलिस के अनुसार बड़ी वाली बच्ची ने बताया कि उनका पियक्कड़ पिता दोनों को 17 अगस्त को ही कमरे में बंद करके कहीं चला गया है। दोनों नाबालिग बहनों के शरीर पर कीड़ों के काटने के कारण जख्म बन गए हैं।
पुलिस ने कहा कि इन लड़कियों को नेपाली कॉलोनी के राधाविहार में किराए के मकान से मुक्ति कराया गया है। इनके पिता ने 17 अगस्त को कथित तौर उसे अकेला छोड़ दिया था। मकान से दुर्गंध आने के बाद पड़ोसियों ने 19 अगस्त को पुलिस को इस घटना की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों बच्चियों को बचाया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जिस कमरे दोनों मासूमों को बंद किया गया था उस कमरे में हवा और प्रकाश के संचार का कोई रास्ता नहीं था और कमरे में मच्छर और कीड़े मकोड़े पनप रहे थे। इन लड़कियों ने कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था।
जिस समय इन बच्चिों को कमरे से निकाला गया उस समय वे मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई थीं। पुलिस ने कहा कि इन्हें बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और दोनों इस समय खतरे के बाहर हैं। दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इन लड़कियों से मुलाकात की आश्वान दिया कि महिलाओं की समिति इन दोनों बच्चियों की देखभाल करेगी। इनके माता-पिता का पता लगाने के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
इन बच्चियों का पिता बंटी उत्तर प्रदेश से है और वह मजदूरी का काम करता है और अपनी सारी कमाई शराब पर खर्च करता है। पड़ोसियों के अनुसार इस समय वह समय बेरोजगार है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि बंटी ने ज्योति से शादी की थी जो कुछ महीने पहले एक अपने पांच साल के बेटे के साथ अन्य व्यक्ति के पास चली गई।

