केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ काफी लंबे समय से चुप्पी साधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार गुरुवार को अपन मौन व्रत तोड़ा। केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के एनजीओ को डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) द्वारा कथित तौर पर नियमों में बदलाव कर जमीन देने के मामले में केजरीवाल ने कहा कि एक यह है और दूसरी तरफ दिल्ली सरकार को अस्पताल बनाने के लिए जमीन नहीं मिल रही। वहीं आम आदमी पार्टी ने आने वाले दिनों में डीडीए के कथित जमीन घोटालों का पर्दाफाश करने का दावा किया है।

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की संस्था को जमीन आबंटन संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर कहा, ‘उन्हें इस बात की पीड़ा है कि दिल्ली सरकार को तो मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने के लिए भूमि मुहैया नहीं कराई जा रही है। यहां तक कि दिल्ली सरकार को अपनी ही जमीन क्लीनिक बनाने की मंजूरी नहीं दी जा रही है’। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद दिल्ली नगर निगम चुनावों में हार और पार्टी के अंदरूनी कलह के बाद लंबे समय तक अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के मुद्दों पर खामोश थे और केंद्रीय नेताओं व उपराज्यापल पर हमला करने से बच रहे थे।

उधर, आप ने कहा है कि जिस एनजीओ के लिए नियमों को ताक पर रखा गया, विजय गोयल उसके उपाध्यक्ष और उनके बच्चे सदस्य हैं। संस्था का नाम वैश अग्रवाल एजुकेशन सोसाइटी है। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि मंत्री गोयल की एनजीओ को जीटी करनाल रोड पर जमीन आबंटित करने के लिए नियमों के साथ-साथ ले आउट प्लान में भी बदलाव किया गया। भारद्वाज का आरोप है कि यह जमीन डीडीए ने डाकघर को आबंटन के लिए रखी गई थी, लेकिन गोयल की संचालित आधारशिला नाम के स्कूल के बगल में होने के कारण भाजपा नेता की नजर थी। स्कूल के अंदर से एक गेट इस प्लॉट में खोला गया है और स्कूल की ओर से इसे खेल के मैदान के रूप में पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है। गोयल की एनजीओ को खिलौना बैंक बनाने के लिए यह जमीन आबंटित की गई। जिस बैठक में गोयल की एनजीओ का आवेदन स्वीकार किया गया, उसी बैठक में एक जानी मानी संस्था इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आॅर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के आवेदन को यह कह खारिज कर दिया था।