Delhi Govt: केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली में नौकरशाहों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश लाकर पलट दिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शनिवार को केंद्र के अध्यादेश को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, ‘दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले पर केंद्र का अध्यादेश ”असंवैधानिक” है और यह सेवा मामलों में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार को दी गई शक्तियों को छीनने का कदम है। आतिशी ने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर अध्यादेश लाने का फैसला ऐसे समय में किया है, जब सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टी के लिए बंद है।

ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार छीनने की कोशिश: आतिशी

आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि किसी भी अध्यादेश/कानून लाकर केंद्र की शक्तियों का विस्तार करना संविधान का उल्लंघन होगा। केंद्र सरकार यह अध्यादेश लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के लिए लेकर आई है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जरिए सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली नौकरशाहों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को छीनने की कोशिश है।

आप नेता ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आठ साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने संवैधानिक फैसले में कहा था कि शक्ति (सेवाओं) दिल्ली सरकार के पास ही होगी, ऐसे में केंद्र की अधिसूचना गलत थी। कोर्ट ने तीन आधारों पर अपना फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को एक चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेह होना चाहिए नहीं तो सरकार “लोगों की इच्छा” को लागू करने में सक्षम नहीं होगी।

‘मोदी को लगता है केजरीवाल से डर’

आतिशी ने कहा कि दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है, इसलिए लोकतंत्र के सिद्धांत के आधार पर चुनी हुई सरकार के पास ताकत है। उन्होंने कहा कि एलजी भूमि, सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस के अलावा केजरीवाल सरकार के सभी फैसलों को मानने के लिए बाध्य हैं। केंद्र सरकार का अध्यादेश दिखाता है कि मोदी जी को केजरीवाल जी से कितना डर लगता है। वो छोटे से राज्य में 6 महीने के लिए केजरीवाल को ताक़त नहीं देना चाहते। क्योंकि उन्हें पता है कि केजरीवाल सरकार 6 महीने में वो चमत्कारी काम करके दिखाएगी जिसे पूरा देश देखेगा।

उन्होंने कहा कि Nutshell में रात के अंधेरे में लाया गया मोदी जी का अध्यादेश क्या कहता है। वो कहता है कि चाहे दिल्ली की जनता 90% से ज्यादा सीटें देकर अरविंद केजरीवाल भेजे, लेकिन दिल्ली को केजरीवाल नहीं केंद्र सरकार चलाएगी।

आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार अध्यादेश क्यों गैर क़ानूनी है। उन्होंने यह अपने Section 3A में कहता है कि दिल्ली विधानसभा को सर्विस पर कोई भी क़ानून बनाने का अधिकार नहीं है। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस ऑथारिटी बनाई जाएगी। जिसमें दिल्ली सीएम चेयरपर्सन होंगे। चीफ सक्रेटरी और होम सेक्रेटरी मेंबर होंगे। जिनको केंद्र सरकार नियुक्त करेगी। अगर कोई ऐसा निर्णय जो केंद्र सरकार को पसंद नहीं होगा तो उसे पलटने की ताक़त LG साहब के पास होगी।

सवाल केजरीवाल का नहीं, लोकतंत्र का है: संजय सिंह

आप नेता संजय सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार है तो उस पर चिल्ला रहे हैं, ये तो तानशाही की पराकाष्ठा है। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश कहता है कि दो अफ़सर मुख्यमंत्री के ऊपर हैं तो फिर दिल्ली में चुनाव का और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या मतलब रह जाता है? मोदी जी को बर्दाश्त नहीं कि दिल्ली में गरीब के बच्चे को अच्छी शिक्षा मिल रही है। सवाल केजरीवाल का नहीं, लोकतंत्र का है!

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