दिल्ली में आम आदमी पार्टी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जारी तनातनी अपने चरम पर पहुंच गई है और अब दोनों पक्ष खुलकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दिल्ली की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पर आरोप लगाया गया। आम आदमी पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण हलफनामा दाखिल करना था और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने मंत्री की फोन कॉल का जवाब ही नहीं दिया। विभाग द्वारा कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। जिस कारण दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, लेकिन आईएएस अधिकारियों के अनुसार, यह हड़ताल नहीं है क्योंकि इससे उनकी नौकरी जा सकती है।’

आम आदमी पार्टी के इस ट्वीट पर खुद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वर्षा जोशी ने खंडन किया और ट्विटर के माध्यम से इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश की। आईएएस अधिकारी वर्षा जोशी ने लिखा कि कृप्या सत्ताधारी पार्टी के प्रतिनिधि के रुप में झूठ मत फैलाइए। मैंने सभी तथ्य पब्लिक डोमेन पर रखे हैं और वह अखबारों में प्रकाशित भी हुए हैं। आपके फॉलोअर्स के लिए मैं इन्हें फिर से पेश कर रही हूं। इस ट्वीट के साथ ही आईएएस अधिकारी ने तथ्यों की एक कॉपी ट्विटर पर शेयर भी की।

बता दें कि पिछले कई दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक अधिकारियों की कथित हड़ताल के विरोध में एलजी अनिल बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठे हैं। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उप-राज्यपाल उनसे नहीं मिल रहे हैं। यही वजह है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के 3 वरिष्ठ मंत्री मनीष सिसोदिया, सतेन्द्र जैन और गोपाल राय एलजी दफ्तर में ही धरने पर बैठ गए हैं। ‘आप’ की मांग है कि राज्यपाल अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने को कहें और हड़ताल के आरोपी अधिकारियों पर कारवाई करें। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रविवार शाम को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च करने की योजना है। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।