दिल्ली में 29 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने दावा किया है कि यहां एक बस में उसे परेशान किया गया तथा धार्मिक नारे लगाने को मजबूर किया गया। पुलिस को दी अपनी शिकायत में यहां एक मस्जिद में पढ़ाने वाले मौलाना आफताब आलम ने कहा कि दो व्यक्तियों ने उनकी राष्ट्रीयता के बारे में पूछा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। बवाना जे जे कॉलोनी में रहने वाले आलम ने अपनी शिकायत में कहा कि आठ अप्रैल की रात जब वह बाहरी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके से घर लौट रहे थे तभी यह घटना हुई।
आलम ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘प्रहलादपुर गांव के तकरीबन 35-40 साल के दो व्यक्तियों ने मुझसे पूछा कि क्या मैं भारतीय हूं। जब मैंने कहा कि हां मैं भारतीय हूं तो उन्होंने मुझसे ‘जय माता दी’ कहने को कहा, जो मैंने किया, लेकिन उन्होंने मेरे साथ हाथापाई शुरू कर दी।’’ बाद में दोनों व्यक्ति प्रहलादपुर बस स्टैंड पर उतर गए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आलम दोनों को नहीं जानता है। घटना के बाद, आलम ने पुलिस को फोन किया। उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया लेकिन उनके शरीर पर किसी प्रकार की चोट नहीं पाई गई।
दूसरी तरफ, आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की खुदकुशी के मुद्दे और अपने झूठे वायदों का पश्चाताप करने के लिए उपवास करेंगे? ओवैसी ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री संसद के पूरे सत्र के बेकार चले जाने की वजह से उपवास करना चाहते हैं तो मैं माननीय प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि जब पिछले चार साल में हजारों किसानों ने खुदकुशी की तब उनकी संवेदना कहां चली गई थी।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी किसानों ने खुदकुशी की है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद ने सवाल किया , ‘‘क्या प्रधानमंत्री उन किसानों के लिए उपवास करेंगे? क्या वह उत्तर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उपवास करेंगे? प्रधानमंत्री अपने झूठे वायदों का पश्चाताप करने के लिए उपवास पर क्यों नहीं बैठते हैं?’’