उत्तर प्रदेश के बरेली में एक 4 दिन की नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। इससे पहले इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे बच्ची के माता पिता को डॉक्टर तीन घंटे तक अस्पताल के एक विभाग से दूसरे विभाग दौड़ाते रहे। यूपी सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरते जाने पर पुरुष विंग के एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है जबकि दूसरे के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार बच्ची का जन्म 16 जून को एक प्राइवेट अस्पताल में हुआ था। जन्म के बाद बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बच्ची के परिजन उसे बरेली सिविल अस्पताल लेकर आए। परिवार वालों का आरोप है कि पहले वह अस्पताल के पुरुष विंग में पहुंचे जहां से उन्हें महिला विंग में जाने को कहा गया।
इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने बेड की कमी का हवाला देते हुए दुबारा पुरुष विंग में ही भेज दिया। ऐसे में करीब तीन घंटे तक बच्ची के परिवार वाले उसे अस्पताल में दाखिल कराने के लिए यहां से वहां दौड़ते रहे। इस बीच समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद लोगों को गुस्सा भड़क गया।
I have ordered suspension of CMS of Male Hospital Bareilly on the negligence of duty and have ordered for departmental proceedings against CMS of Women Hospital.
Any insensitivity by Govt. officials will not be tolerated in #NewUP— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 19, 2019
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में पुरुष विंग के एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया जबकि दूसरे डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए। एक बयान में कहा गया कि चार दिन की बच्ची की मौत के मामले में पुरुष विंग के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं महिला विंग की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक गंभीर रूप से बीमार बच्ची को अस्पताल के पुरुष विंग में लाया गया था। यहां बाल चिकित्सक मौजूद थे। ऐसे में बच्चे का इलाज करने की बजाय उसके परिवार को महिला विंग में भेज दिया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे वापस पुरुष विंग में भेजा।