कानपुर कलेक्ट्रेट रिकॉर्ड रूम की एसआईटी जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि रिकॉर्ड रूम से शस्त्र लाइसेंस की करीब 9000 फाइलें गायब हैं। सूत्रों के मुताबिक करीब 1 साल से चल रही एसआईटी जांच में ये हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया है। एसआईटी मई के पहले हफ्ते या मध्य में अपनी ये रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी।
दरअसल कलेक्ट्रेट के असलहा विभाग में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद पूर्व जिलाधिकारी कानपुर महानगर आलोक तिवारी ने मार्च 2021 में एसआईटी जांच की इजाजत दी थी। एसपी देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी की कमेटी ने 40 हजार असलहा लाइसेंस धारियों की फाइलों में गड़बड़ी की बात सामने आने पर अपनी जांच शुरू की थी। इससे पहले प्रशासन की जांच में भी करीब 4000 फाइलों के गायब होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब जब एसआईटी की जांच के बाद यह संख्या 9000 के करीब पहुंच गयी है। एसआईटी टीम शस्त्र अनुभाग के लिपिकों से पूछताछ के बाद इस नतीजे पर पहुंची है। कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम में बिकरू कांड के कुख्यात विकास दुबे सहित कानपुर देहात से आई 173 असलहा लाइसेंस की फाइलें भी गायब हैं।
क्या है मामला- पिछले साल असलहा विभाग ने 93 फर्जी शस्त्र लाइसेंस बना कर जारी कर दिए थे। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और सख्त कार्रवाई करते हुए असलहा विभाग के तीन लिपिक बर्खास्त कर दिए गए थे। एसआईटी की जांच में इस फर्जीवाड़े में करीब एक दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों की मिली भगत पाई गई है। रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद इन पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
कानपुर में बेखौफ चोर- अप्रैल के महीने में ही कानपुर के कई बड़े बैंकों की ब्रांच से कैश और गहने चोरी होने की कई घटनाएं सामने आयीं हैं। कानपुर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराची खाना शाखा में बैंक लॉकरों से तकरीबन 1। 70 करोड़ के गहने गायब थे। बैंक में 23 दिनों के भीतर ही ग्राहकों के लॉकरों से 2। 15 करोड़ के गहने गायब होने का मामला लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। कानपुर के एक और बैंक, बैंक ऑफ इंडिया की फूलबाग ब्रांच में लॉकर से 40 लाख के जेवर गायब थे। इसी तरह की एक और घटना में सेंट्रल बैंक के लाकर से एक और व्यापारी के जेवर गायब हुए।