महाराष्ट्र के नागपुर में एक वृद्धाश्रम में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां के एक वद्धाश्रम में 62 साल के बुजुर्ग को छोड़ने के लिए उसके 80 वर्षीय पिता आए थे। एक बुजुर्ग द्वारा दूसरे वृद्ध को इस तरह वृद्धाश्रम छोड़े जाने के भावुक पलों के गवाह बने लोगों ने इसका कारण जानना चाहा तो पारिवारिक अंतर्कलह मुख्य वजह बनकर सामने आई। बेटे को छोड़ने आए वृद्ध माता-पिता की आंखों से आंसुओं की धारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी।

उन्होंने बताया कि बेटे को उसकी पत्नी काफी परेशान करती है, कई बार वह उसकी पिटाई भी कर चुकी है। पिछले दिनों 62 वर्षीय शख्स के साथ हुई मारपीट के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद वृद्ध माता पिता ने बेटे को वृद्धाश्रम रखने का तय किया। उन्होंने कहा कि बेटे को यहां छोड़ने का दुख है लेकिन इस बात की खुशी है कि उसकी देखभाल अच्छे से हो सकेगी।

दैनिक भास्कर के नागपुर एडिशन में छपी खबर के मुताबिक वृद्ध दंपति ने बताया कि शादी के बाद से उसकी पत्नी बेटे को परेशान किया करती थी। बहू ने शादी के बाद सास-ससुर के साथ रहने से इनकार कर दिया था। वह कहते हैं कि बेटे-बहू की गृहस्थी में किसी तरह का खलल न पड़े इसलिए हमने भी अलग होने का फैसला उचित समझा, इसके लिए बेटा तैयार नहीं था लेकिन किसी तरह समझा बुझाकर राजी किया।

वह बताते हैं कि बहू का व्यवहार दिन ब दिन उग्र होता चला गया। अगर बेटा किसी दिन अपने मां-बाप से मिलने उनके घर चला जाता तो बहू हंगामा खड़ा कर देती थी। कई बार उसको इस बात के लिए मारा भी गया। लोक-लाज के डर से बुजुर्ग शख्स इस व्यवहार को बर्दाश्त करता रहा लेकिन समय के साथ बहू के तेवर और बिगड़ते गए। उन्होंने दावा किया कि बेटे का बेटा, यानी पोता भी अपने पिता पर हाथ उठा चुका है।

बेटे के साथ हो रही इस मारपीट की जानकारी वृद्ध दंपति को भी थी, वह अपने बेटे को अपने साथ रखना चाहते थे लेकिन बहू इसके लिए तैयार नहीं थे। वह बताते हैं कि कई बार इसकी कोशिश भी की लेकिन बहू घर पहुंचकर हंगामा करती थी और पड़ोसियों को भी भड़काती थी।

62 वर्षीय बुजुर्ग सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, उनके पास इतनी पेंशन आती है कि अपना जीवन यापन आसानी से कर सकें। बुजुर्ग के पिता का आरोप है कि इसी पेंशन के कारण बहू पति के साथ रहती थी, वह पूरी पेंशन ले लेती हैं। वह बताते हैं कि जब बेटे की स्थिति देखकर उसे वृद्धाश्रम छोड़ने का तय किया तो बहू तैयार नहीं थी लेकिन जबरदस्ती वह अपने बेटे को लेकर वहां से निकले और वृद्धाश्रम पहुंचाया।