बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली JD(U)-BJP की गठबंधन सरकार ने कोरोना काल में मदरसा और संस्कृत शिक्षकों के लिए थोड़ा राहत भरा कदम उठाया है। सूबे में इस बार इन टीचर्स को ईद के पहले ही वेतन दे दिया जाएगा।

सरकार ने इन लोगों की तनख्वाह जारी किए जाने के लिए 583 करोड़ रुपए की रकम जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सैलरी के लिए 33 करोड़ रुपए की रकम फौरी तौर पर जारी कर दी गई है। शिक्षा विभाग के सचिव अरशद फिरोज ने इस बाबत महालेखाकार को 8 मई, 2021 को खत लिखा। दरअसल, 2021-22 वित्त वर्ष में इन टीचर्स और कर्मचारियों की सैलरी के लिए डिपार्टमेंट की तरफ से 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 400 करोड़ रुपए अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित 1128 मदरसा और 2459 प्लस वन कोटि के 814 मदरसा के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए जारी किए गए, जबकि 150 करोड़ रुपए की राशि अराजकीय प्रस्वीकृत 531 और 47 अन्य संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए रिलीज की गई।

यह भी बताया जा रहा है कि एक अप्रैल से टीचर्स को 15 फीसदी सैलरी में इजाफे का लाभ मिलना है। हालांकि, विभाग इसके लिए अलग से आदेश जारी करेगा। यह आदेश कब आएगा? यह अभी स्पष्ट नहीं है।

फिलहाल पुराने पे स्केल के हिसाब से ही सैलरी दी जाएगी। वैसे, तीन दिन पहले शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले टीचर्स और पुस्कालय के अध्यक्षों की सैलरी की रकम जारी की थी।