7th Pay Commission, Bihar Doctor Recruitment: भारत में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके चलते अर्थव्यवस्था खस्ता हो चुकी है और कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है। लेकिन मेडिकल और फार्मा क्षेत्र में यह नए अवसर लेकर आया है। बिहार में कोरोना महामारी के कारण उत्‍पन्‍न्‍ा स्थितियों को देखते हुए राज्‍य सरकार एक साथ डेढ़ हजार से अधिक डॉक्‍टरों की बहाली करने जा रही है।

राज्य के अस्पतालों में 1 हजार डॉक्टरों की बहाली सोमवार से वॉक इन इंटरव्यू शुरू होगा। पीएमसीएच में 21, तथा एनएमसीएच में 25 तथा बाकी राज्य के बाकी सरकारी अस्पतालों में 15-15 डॉक्टरों की बहाली फिलहाल की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में डॉक्टरों की कमी पूरी करने के हर संभव प्रयास हो रहे है। 536 ब्लॉक में संविदा डॉक्टर बहाली के फैसले के बाद अब संविदा पर एक हजार डॉक्टर नियुक्त करने की मंजूरी राज्य मंत्रिमंडल ने दी है।

मंत्री ने बताया सभी जिलों के सिविल सर्जन को संविदा पर डॉक्टर बहाल करने के अधिकार दिए गए है। 10 मई से वॉक इन इंटरव्यू होगा और डॉक्टर बहाल कर लिए जाएंगे। वॉक इन इंटरव्यू की तिथि- 10 मई, 14 मई, 17 मई, 21 मई एवं उसके बाद प्रत्येक सोमवार को निर्धारित की गई है।

राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों तथा जिला स्तरीय अस्पतालों में एक साल के लिए यह बहाली की जाएगी। भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के पास एमबीबीएस की डिग्री जरूरी है। डॉक्टरों को 65 हजार रुपए प्रति महीने वेतन दिए जाएंगे।

मंत्री ने बताया एक और बड़ा निर्णय हुआ है कि जो सीनियर रेजिडेंट हाल में सेवा निवृत्त हुए हैं वे और तीन महीने तक सरकार को अपनी सेवा दे सकेंगे। इसके अलावा अस्पतालों में पारा मेडिक्स व लैब टेक्नीशियन, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की अस्थाई नियक्ति का अधिकार सिविल सर्जन को दिया गया है। यह नियुक्ति तीन महीने के लिए होगी।

इसके अलावा राज्य सरकार ने एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवा कोविड मरीजों के इलाज के लिए लेने का फैसला किया है। उनकी सेवा टेली मेडिसिन तथा माइल्ड कोविड केस मरीजों के इलाज के लिए ली जाएगी।