Bhiwani News: हरियाणा के भिवानी के चांग गांव के रिटायर्ड क्लर्क जगत सिंह ने 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है। सिंह इससे पहले तीन बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुके थे, लेकिन हर बार उनका नामांकन खारिज कर दिया गया। इस बार भी उनके नामांकन के रद्द होने की प्रबल संभावना है।

जगत सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया, “मैंने 21 तारीख को आखिरी तारीख पर उपराष्ट्रपति पद का नामांकन किया है। मुझे अनुभव हुआ है कि दुख क्या होता है। सभी विभागों के अंदर मुझे पता है कि क्या-क्या होना चाहिए। मैं चौधरी धर्मवीर सिंह एमपी महेंद्रगढ़ भिवानी लोकसभा सीट से एमपी हैं। मैं उनके पास गया और उन्होंने बताया कि दिल्ली जा रहे हैं। मैं भी मेट्रो से गया था और 11 से 3 बजे का टाइम है तो फिर मैंने भी वहां पर पर्चा दाखिल किया।”

कौन हैं जगत सिंह?

अब जगत सिंह की बात करें तो उन्होंने अपना करियर राज्य विद्युत निगम में मीटर रीडर के तौर पर शुरू किया और 36 साल 2 महीने तक वहां अलग-अलग पदों पर काम किया। वे 2012 में यूडीसी के पद से रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया। 2012 के चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने पीए संगमा को हराया। 2017 में रामनाथ कोविंद ने मीरा कुमार को हराकर राष्ट्रपति बने। 2022 के चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा को हराया।

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जगत सिंह अब तक दो बार लोकसभा और एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साल 2019 में उन्होंने हरियाणा की भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 732 वोट मिले थे। इसके बाद साल 2024 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से फिर से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उन्हें सिर्फ 382 वोट मिले। इसी साल उन्होंने भिवानी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें महज 72 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला

उपराष्ट्रपति चुनाव भाजपा नीत एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त ताकत 787 होने के साथ, एक उम्मीदवार को जीत सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत होती है।

एनडीए के पास इस समय 422 सांसद हैं, एक ऐसा आंकड़ा जो राधाकृष्णन को निर्णायक बढ़त देता है। इसमें 542 सदस्यीय लोकसभा में 293 सांसद और 245 सदस्यीय राज्यसभा में 129 सांसद शामिल हैं, साथ ही नामित सदस्य भी हैं। इसके उलट इंडिया ब्लॉक के पास लगभग 300 वोट हैं। इसमें कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), आम आदमी पार्टी और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल हैं।

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