ओडिशा के नबरंगपुर जिले के बनगुआ गांव का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए। 70 साल की एक बूढ़ी महिला को पेंशन के लिए चिलचिलाती धूप में कई किलोमीटर पैदल चलकर बैंक तक जाना पड़ा। इतना ही नहीं महिला काफी कमजोर हैं, जिस वजह से वह सीधे खड़ी नहीं हो पाती हैं, ऐसे में उन्हें प्लास्टिक की टूटी हुई कुर्सी का सहारा लेकर यह रास्ता तय करना पड़ा।

अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने ट्विटर पर महिला का वीडियो शेयर करते हुए बैंक की खिंचाई की है। उन्होंने कहा, “भारतीय स्टेट बैंक के प्रंबधक ने इस मामले में जवाब दिया है, लेकिन फिर भी वित्तीय सेवा विभाग और एसबीआई से ऐसे मामलों में त्वरित संज्ञान लेने और मानवीय रूप से कार्य करने की उम्मीद करते हैं। क्या उस क्षेत्र में बैंक मित्र नहीं हैं?”

इस पर बैंक की तरफ से जवाब आया है। एसबीआई ने ट्वीट में लिखा, “हम भी वीडियो को देखकर बहुत दुखी हैं। श्रीमती सूर्या हरिजन हर महीने अपने गांव में सीएसपी से अपनी पेंशन निकालती थीं। बुढ़ापे के कारण उनके फिंगर प्रिंट मेंल नहीं खा रहे थे। हमने इसके बाद डोरस्टेप पेंशन डिलीवरी सुविधा प्रदान करना का फैसला किया है। हम जल्दी ही उन्हें व्हीलचेयर सौंप देंगे।”

यह घटना ओडिशा के नबरंगपुर जिले के झरीगांव प्रखंड के बनुआगुड़ा गांव की है। यहां रहने वाली सूर्या हरिजन को वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, लेकिन उन्हें इसके लिए बैंक तक जाना पड़ता है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि महिला को 4 महीने से पेंशन नहीं मिल सकी थी। सूर्या की उम्र 70 साल है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियों में देखा जा सकता है कि वृद्धावस्था पेंशन के लिए संघर्ष कर रही सूर्या हरिजन चिलचिलाती धूप में सड़क पर टूटी कुर्सी के सहारे नंगे पांव चल रही हैं।

जरूरतमंद नागरिकों की सहायता के लिए सरकारी योजनाएं होने के बावजूद, सूर्या हरिजन अपने विभिन्न मुद्दों के कारण इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही हैं। सूर्या के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा परिवार की जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक तंगी के चलते दूसरे राज्य में रहकर काम कर रहा है। छोटा बेटा उनके साथ रहता है और दूसरों के जानवरों को चराकर आजीविका कमाता है।

सूर्या एक छोटी से झोपड़ी में रहती हैं, जहां उनका जीवन दिन पर दिन कठिन होता जा रहा है। पहले सूर्या को पेंशन का पैसा हाथ में दिया जाता था। हालांकि, अब सिस्टम बदल गया है और पैसा उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा रहा है। बैंक प्राधिकरण के मुताबिक, सूर्या के बाएं अंगूठे का निशान (एलटीआई) कभी-कभी नमूने से मेल नहीं खाता है, जिससे उन्हें पेंशन राशि का भुगतान करने में समस्या होती है।

सूर्या को पेंशन के लिए फिजिकल तौर पर उपस्थित होने के लिए बैंक जाना जरूरी है। हालांकि, सूर्या बहुत कमजोर हैं और वह काफी मुश्किल से चल-फिर पाती हैं। सूर्या ने ब्लॉक और पंचायत कार्यालय में मदद के लिए कई बार अनुरोध भी किया, लेकिन अभी तक कुछ किया नहीं गया है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने अब उनको सभी जरूरी सुविधाएं देने और उनके घर पर पेंशन मुहैया कराने का वादा किया है।