Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर जिले (Fatehpur district) में एक कथित अवैध धर्मांतरण मामले की आठ महीने की लंबी जांच के बाद पुलिस ने मंगलवार को प्रयागराज (Prayagraj) में एक कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति और एक अधिकारी को नोटिस जारी किया है। पुलिस उन्हें 15 अप्रैल को सामूहिक धर्मांतरण मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कह रही है। साथ ही पुलिस ने प्रयागराज के एक बिशप को भी नोटिस जारी किया है। हरिहरगंज स्थित इवेजिकल चर्च में 14 अप्रैल को सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों ने हंगामा किया था।
क्या है पूरा मामला
कथित धर्मांतरण का यह मामला इस साल 14 अप्रैल का है। पुलिस ने अपनी जांच के बाद बताया कि मामले में आरोपियों द्वारा नौकरी, शिक्षा और घर देने का वादा कर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। ऐसे कुछ लोग पुलिस की जांच के बाद सामने आए हैं जिनका धर्म परिवर्तन कराया गया है। पुलिस ने जानकारी दी है कि लगभग चार महीने बाद किशन (45) और सत्य पाल (42) के रूप में पहचाने जाने वाले दो स्थानीय किसानों दावा किया कि उनका धर्मांतरण अप्रैल में चर्च में हुआ था।
इनके अलावा प्रमोद कुमार दीक्षित, संजय सिंह और राजेश कुमार त्रिवेदी नाम के लोग भी सामने आए हैं और हलफनामा दायर किया कि आरोपियों ने उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मनाने की कोशिश की थी। सभी पांचों ने पुलिस को बताया कि वे 14 अप्रैल को चर्च में थे, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग गए थे।
जांच के दौरान सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के चांसलर डॉ जेट्टी ए ओलिवर, कुलपति बिशप राजेंद्र बी लाल और प्रशासनिक अधिकारी विनोद बी लाल की भूमिका सामने आई है। पुलिस ने इन्हें 29 दिसंबर तक अपनी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा है।
हिन्दू संगठनो ने किया था विरोध
मामले के अगले ही दिन झूठे वादे कर धर्म परिवर्तन का झांसे का आरोप लगाकर बजरंग दल सहित कुछ हिंदू संगठनों ने फतेहपुर के हरिहरगंज इलाके में इवेंजेलिकल चर्च ऑफ इंडिया (ईसीआई) द्वारा चलाए जा रहे एक चर्च के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। विश्व हिन्दू परिषद के एक स्थानीय नेता हिमांशु दीक्षित की शिकायत के आधार पर अगले दिन एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जिसमें एक नाबालिग लड़की सहित 35 लोगों को नामित किया गया था जबकि 20 अन्य अज्ञात थे। नामित लोगों में से 22 चर्च के पास स्थित ब्रॉडवेल क्रिश्चियन अस्पताल के कर्मचारी हैं। चर्च के पादरी विजय मसीह (36) सहित छब्बीस अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। पुलिस ने प्राथमिकी में नामित 16 वर्षीय लड़की के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण आरोप हटा दिए थे। आईपीसी की धारा 153-ए, 506, 420, 467 और 468के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने बताया कि इस बात के सबूत हैं कि आरोपी धर्मांतरण में शामिल थे। हमने मामले में अब तक 54 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से 15 जेल में हैं, 36 ने अग्रिम जमानत हासिल कर ली है और तीन फरार हैं।
