सरकार ने बुधवार को माना कि अब तक कुल 39 लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस किए हैं। संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि पुरस्कारों की वापसी का कारण लेखकों, बुद्धिजीवियों के खिलाफ हाल ही में हुई अप्रिय घटनाओं और इस मुद्दे पर साहित्य अकादेमी के मौन का विरोध बताया गया है। अब तक कुल 39 लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस किए हैं।

उन्होंने हालांकि इस बात से इनकार किया कि साहित्य अकादेमी साहित्यिक स्वतंत्रता के रक्षक के रूप में अपना दायित्व निभाने में विफल रही है।

शर्मा के मुताबिक, इस मुद्दे पर विचार के लिए अकादेमी ने 23 अक्तूबर 2015 को अपने कार्यकारी बोर्ड की एक बैठक बुलाई थी जिसमें पुरस्कार वापस करने वाले लेखकों से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित किया गया।

एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि साहित्य अकादेमी ने 30 सितंबर 2015 को बंगलुरु में एक श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की थी। अकादेमी के अध्यक्ष ने 10 अक्तूबर 2015 के अपने बयान में लेखकों और कलाकारों पर हमलों की निंदा की है।