दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अपने ही महकमे के तीन जवानों को गिरफ्तार कर फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी दिलाने के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस गिरोह के तीन लोग दिल्ली पुलिस में चयनित भी हो गए थे। अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव के मुताबिक, यह गिरोह पुलिस में नौकरी दिलाने के लिए 7 लाख और रेलवे की ग्रुप-डी श्रेणी की नौकरी के लिए 4 लाख रुपए लिया करता था।
इस गिरोह ने दिल्ली पुलिस में सिपाही की भर्ती कराने के नाम पर कुछ लोगों से 12 लाख रुपए ले लिए थे। पुलिस के मुताबिक, अमित कुमार नाम के एक शख्स ने शिकायत की थी कि फर्जी दस्तावेजों और मॉडल प्रश्नपत्र मुहैया कराकर यह गिरोह एसएससी, रेलवे और पुलिस आदि में नौकरी दिलाने के नाम पर भारी-भरकम रकम ऐंठ रहा है।
शुरुआती जांच के बाद दिल्ली पुलिस के तीन कांस्टेबल अशोक (28), विजय (25) और विनोद चिक्कारा (28) को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे हुई पूछताछ के बाद बायोमीट्रिक कंपनी में काम करने वाले एक अन्य युवक मोहित को भी पकड़ा गया। पुलिस के मुताबिक, अशोक और विजय ने फर्जीवाड़ा कर 2012 में दिल्ली पुलिस में नौकरी पाई थी, जबकि विनोद फर्जी दस्तावेजों के बूते 2010 में महकमे में शामिल हो गए थे। पुलिस ने दावा किया है कि इस मामले में जांच जारी है।

