भागलपुर जिले के थाना बिहपुर इलाके के चार लड़कों को अगवा करने के बाद हत्या कर गंगा नदी में फेंक देने का आरोपी पिंकू झा अपने चार साथियों के साथ गुरुवार रात मुंगेर से गिरफ्तार कर लिया गया। गायब चार लड़कों में से एक की लाश एनडीआरएफ की टीम ने कहलगांव के नजदीक गंगानदी से बरामद करने का दावा किया है। शव की शिनाख्त सौरभ के रूप में की हुई है। उधर, एसटीएफ ने दियारा इलाके का आतंक माने जाने वाले इनामी कमांडो यादव को नवगछिया इलाके से उसके दो साथियों के साथ दबोच लिया। नवगछिया के प्रभारी एसपी सुधीर कुमार के मुताबिक, कमांडों यादव पर थाना इस्माईलपुर समेत दूसरे थानों में 8 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि यादव सालों से पुलिस गिरफ्त से फरार था। यादव के अलावा इसके साथी सोनू कुमार और पंकज यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार आधी रात एसटीएफ ने गोपालपुर गांव में घेराबंदी कर इसे पकड़ा है। गिरफ्तारी के पहले कमांडों यादव और इसके दोनों साथियों ने एसटीएफ की टीम पर ही फायरिंग के लिए पिस्तौल तान दी थी। एसपी के मुताबिक, इसके पास से एक देसी राइफल, एक देसी पिस्तौल और 61 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। कमांडो यादव का भय खत्म करने के लिए इसे पुलिस पहरे में शुक्रवार को नवगछिया बाजार में घुमाया गया।
दरअसल, कमांडों यादव के आतंक से इलाके के लोग इसकी चर्चा करने से भी कतराते थे। इस पर जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर सरकार ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। उधर चार लड़कों को अगवा व हत्या कर गंगानदी में बहा देने का मामला पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। डीआइजी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं। एसटीएफ की मदद से नवगछिया और खगड़िया पुलिस ने आरोपी पिंकू झा को मुंगेर के वरदह दियारा से दबोच कर और चार में से एक युवक की लाश एनडीआरएफ के ढूंढ निकालने से थोड़ी राहत की सांस ली है। पिंकू झा के साथ उसके साथी विकास कुमार, जमालदीप और प्रभाकर चौधरी भी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके पास से हथियार भी मिले हैं।
डीआईजी विकास वैभव के मुताबिक, इनकी गिरफ्तारी मोबाइल फोन के कॉल डिटेल के आधार पर हो पाई। गिरफ्तार चारों बदमाश शातिर हैं और थाना बिहपुर के ही आसपास गांव के हैं। इन्हीं पर इसी इलाके के छोटू, सौरभ, प्रदीप और श्रवण को 13 नवंबर को अगवा कर खगड़िया गंगा नदी किनारे ले जा हत्याकर नदी में फेंक देने का इल्जाम है। इनसे गहन पूछताछ के बाद सामूहिक चार हत्या कांड से जुड़े राज उजागर हो सकेगा। पुलिस तहकीकात और बाकी तीन लोगों की लाशों को खोजने का काम जारी है। मगर 11 दिन गुजर जाने के बाद शव की पहचान हो पाना मुश्किल काम है।

