Himachal Pradesh Floods Landslides: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा रखी है। पिछले 24 घंटों एक परिवार के आठ सदस्यों सहिता 22 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने शनिवार (20 अगस्त, 2022) को कहा कि सबसे अधिक नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में हुआ है। राज्य से अब तक 36 मौसम संबंधी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों पर यातायात रोक दी गई है।
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि अकेले मंडी में भारी बारिश के कारण आयी अचानक बाढ़ और भूस्खलन में 13 लोगों की मौत हो गई और पांच लापता हो गए। उन्होंने कहा कि गोहर विकास खंड के काशान गांव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और पुलिस द्वारा चार घंटे के लंबे तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए। भूस्खलन में मकान पूरी तरह से ढह गया।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के हमीरपुर जिले में आई बाढ़ के बाद फंसे 22 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। भारी बारिश के कारण सुबह कांगड़ा जिले में चक्की पुल के ढह जाने के बाद जोगिंदर नगर और पठानकोट मार्ग के बीच ट्रेन सेवा रोक दी गई। रेलवे प्राधिकारियों ने पुल को असुरक्षित घोषित किया था।
आईएमडी के उप राज्य निदेशक बुई लाल ने जानकारी देते बताया कि अगले 5 दिनों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिलेगी। पूरे राज्य के लिए अगले 12 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 24 अगस्त तक बाकी दिनों के लिए येलो अलर्ट है।
प्रमुख सचिव शर्मा ने कहा कि राज्य आपदा मोचन कोष से जिलों को 232.31 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए सभी जिलों के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध है। मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को पोंग बांध और चमेरा बांध अधिकारियों को जलाशयों के जल स्तर की जांच करने और किसी भी घटना की स्थिति में समय पर चेतावनी जारी करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य भर में भारी बारिश के कारण जानमाल के नुकसान और संपत्ति के नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए सभी जिला प्रशासन को राहत और बचाव अभियान चलाने का आदेश दिया।