2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सभी ने अपनी कमर कस ली है और तैयारियां तेज कर दी हैं। ऐसे में हर पार्टी और नेता ने अपने अपने हित के लिए सियासी उलटफेर करना शुरू कर दिया है। बता दें कि चुनाव से पहले दल बदलने को दौर शुरू हो गया है। ऐसे में जानकारी के पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई कद्दावर नेता बहुजन समाज पार्टी के संपर्क में हैं और बसपा की ओर रुख करना चाह रहे हैं।
साइकिल छोड़ हाथी का दामन थामा
प्रदेश के बिजनौर से समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक रुचि वीरा ने बहुजन समाज पार्टी का हाथ थामा है। जिसके बाद रुचि को बिजनौर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है। रुचि के साथ ही करीब एक हजार समर्थकों का भी बसपा का साथ देना तय माना जा रहा है। आरजेपी इंटर कॉलेज में एक इवेंट में रुचि वीरा ने बसपा में शामिल की बात कही। जिसके बाद जोनल इंचार्ज गिरीश चंद ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर रुचि वीरा को बिजनौर लोकसभा का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही रुचि वीरा का बसपा से जुड़ने को उन्होंने एक बड़ी ताकत बताया।
पश्चिम उत्तर प्रदेश से करीब 12 नेता बसपा के संपर्क में
बहुजन समाज पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अन्य दलों के करीब 12 नेता बसपा के संपर्क में हैं। जिनमें से भाजपा के तीन विधायक और दो सांसद भी शामिल हैं।
मायावती का जन्मदिन हो सकता है खास
15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कई नेता इस खास दिन पर बसपा का दामन थाम सकते हैं। इनमें सिर्फ भाजपा या सपा के ही नहीं बल्कि कांग्रेस के भी नेता शामिल हो सकते हैं।
नाम रिवील करना होगा गलत
दल बदलने के मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आर एस कुशवाह ने कहा कि लोगों के दिल में बसपा बसी है। ऐसे में कई नेता हमारे साथ जुड़ना चाह रहे हैं। लेकिन अभी किसी को भी नाम लेना ठीक नहीं होगा। वहीं सभी को विश्वास है कि मायावती ही देश की अगली प्रधानमंत्री बनेंगी।
2009 का बसपा गणित
बता दें कि 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। चुनाव में बसपा ने सबसे अधिक 27.20 प्रतिशत मत हासिल कर 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 19.77 प्रतिशत मत हासिए किए थे।