2019 Lok Sabha Election:  2019 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी से मुकाबले के लिए एकजुटता की मुहिम को दो और राज्यों में झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने के बाद सपा-बसपा ने अब मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी किनारा कर लिया है। सपा-बसपा ने दोनों ही राज्यों में गठबंधन का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के प्रति मायावती के तीखे तेवर भी लगातार जारी हैं। तीनों राज्यों में मिलाकर 114 सीटों की सरकार के गठन में बेहद अहम भूमिका रहेगी। इससे पहले भी विपक्ष की एकजुटता को कई बार झटका लग चुका है। ऐसे में विपक्ष की खींचतान के चलते बीजेपी के सामने महागठबंधन की चुनौती पहले की तुलना में लगातार कमजोर होती दिख रही है।

उत्तराखंड-मध्य प्रदेश में ये है फॉर्मूलाः पांच लोकसभा सीटों वाले उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी को चार जबकि समाजवादी पार्टी को एक सीटें मिली हैं। वहीं 29 सीटों वाली मध्य प्रदेश में अखिलेश यादव के खाते में महज तीन सीटें आई हैं, जबकि बाकी सीटों पर मायावती की पार्टी लड़ेंगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश गठबंधन ने सिर्फ गांधी परिवार के गढ़ अमेठी-रायबरेली की सीटें ही छोड़ी थीं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसपा ने सरकार बनाने में कांग्रेस की मदद की थी।

बसपा-सपा के रिश्तों में कहीं धूप, कहीं छांवः एक तरफ मायावती ने मध्य प्रदेश में बहुमत से दूर रह गए कमल नाथ को सरकार बनाने में मदद की थी तो दूसरी तरफ महज दो विधायकों के बावजूद मंत्री पद और अन्य मसलों को लेकर तनातनी लगातार जारी है। इसी तरह समर्थन करने के बावजूद मायावती ने कांग्रेस को गोकशी के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई समेत कई मामलों में निशाने पर लिया है। इतना ही नहीं मायावती ने अल्पसंख्यकों के प्रति रवैये को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को एक ही जैसा करार दिया था।