जौनसार बाबर राजस्व क्षेत्र की तहसील त्यूनी के गांव चातरा में रविवार देर रात आए तेज तूफान के कारण एक बड़ी चट्टान के गिरने से उसमें दबकर 10 मजदूरों की मौत हो गई और छह घायल हो गए। घायलों में एक की हालत गंभीर है। उसे दून अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी मृतक और घायल नेपाली मूल के हैं। मरने वालों में तीन पुरुष, तीन महिलाएं, एक युवक, दो लड़कियां और एक आठ साल का बच्चा है।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते के मुताबिक ये सभी नेपाल के रहने वाले हैं। मरने वालोें में दीपक (55), कुमारी (45), भूपेंद्र (8), विनीता (40), श्रद्धा (13), जीवन (22), तारा (17), धन बहादुर (55), धनकुमारी (50), भरत बहादुर (55) शामिल हैं। मरने वालों में एक परिवार के पांच लोग, दूसरे परिवार के तीन और एक पति-पत्नी हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. केके पॉल और मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। उन्होंने जिलाधिकारी को घायलों को समुचित मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

देहरादून के जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि रविवार आधी रात के बाद करीब एक बजे आए आंधी-तूफान में त्यूनी-हनोल मार्ग पर चातरा गांव के पास चट्टान के गिर जाने से मजदूर उसके नीचे दब गए। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत बचाव और राहत कार्य चलाया गया। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों और राजस्व पुलिस कर्मियों की मदद से सभी मृतकों के शवों को चट्टान काटकर बाहर निकाला गया है। बारह घंटे की मशक्कत के बाद चट्टान के नीचे दबे इन सभी मृतकों के शवों को बाहर निकाला गया। अधिकारियों के मुताबिक नेपाली मूल के ये मजदूर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हनौल से चातरा गांव तक सड़क मार्ग के निर्माण में लगे थे और पहाड़ की आड़ में बनाई झोपड़ियों में रह रहे थे।

उधर, उत्तरकाशी के अठाली गांव में गंगा नदी पर बनाया जा रहा पुल एकाएक नदी में जा गिरा। इस हादसे में चार लोग घायल हो गए जिसमें एक की हालत गंभीर है। घायलों को उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। भारी बारिश से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग बिरही गांव में भूस्खलन के कारण बंद हो गया। इससे तीर्थयात्री रास्ते में फंस गए हैं। केदारनाथ घाटी के फाटा, गुप्तकाशी, ऊखीमठ में भारी बारिश से केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश कारण बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए हलिकॉप्टर सेवा भी बंद कर दी गई है।