संयुक्‍त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि कल की बैठक के बाद विरोध वापस लिया जा सकता है क्‍योंकि सरकार से एसकेएम ने कुछ मांगों को लेकर स्‍पष्‍टीकरण मांगा है। उसने किसान आंदोलन के खत्‍म करने वाले सरकार के प्रस्‍ताव को जवाब दिया है, जिसमें कहा गया है कि किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए। साथ ही कुछ और प्रस्‍तावों पर सरकार से जवाब मांगा गया है। अगर सरकार की ओर से स्‍पष्‍टीकरण आता है तो कल की होने वाली संयुक्‍त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को वापस लिए जाने का फैसला हो सकता है।

किसान नेता कुलवंत सिंह संधू इस बारे में कहा है कि ‘हमारे तरफ से उठाई गई लगभग सभी मांगों को पूरा कर लिया गया है। सरकार की ओर से किसानों की मांगों पर आश्वासन के साथ एक सहमति मिली है। कल की बैठक के दौरान अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों पर दर्ज मुकदमें और अन्‍य बातों को लेकर कहा है कि सरकार एक साल से ऐसा ही कह रही है। लेकिन अभी तक सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। उन्‍होंने कहा कि किसान तबतक घर वापस नहीं जाएंगे, जबतक की सरकार प्रस्‍तावों को पूरा नहीं कर देती है।

कल की बैठक को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सयुक्‍त किसान मोर्चा से कल की बैठक में विस्‍तार से चर्चा होगी। उन्‍होंने कहा कि किसान आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वहीं सयुक्‍त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि सरकार को भेजे गए प्रस्‍ताव पर स्‍पष्‍टीकरण आने के बाद किसान आंदोलन को समाप्‍त करने का फैसला आ सकता है।

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बता दें कि संयुक्‍त किसान मोर्चा के प्रस्‍ताव को लेकर सरकार ने कहा है कि वह MSP की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में SKM के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा किसानों पर हुए फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएंगे।