राजकुमार जैन

आज ‘डिजिटल भरोसा’ डिजिटल दुनिया में इस कदर महत्त्वपूर्ण हो चुका है कि ‘डिजिटल विश्वास’ को अब एक नई मुद्रा के रूप में देखा जा रहा है।डिजिटल प्रौद्योगिकी के संसार में पिछले कुछ वर्ष अत्यंत उत्साह और रोमांच से भरे गुजरे हैं। इन वर्षों में हम और अधिक डिजिटल हो गए हैं और दुनिया काफी बदल गई है। आज इंटरनेट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे जीवन के हर पहलू में गहरी पैठ बना चुकी है।

आज के डिजिटल युग में हम सोशल मीडिया से लेकर बैंकिंग ऐप जैसी विभिन्न आनलाइन सेवाओं पर भरोसा करते हैं। इसी भरोसे के चलते हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी और संवेदनशील डेटा डिजिटल सेवा प्रदाताओं को सौंपते हैं। यह डेटा हमारे पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड विवरण से लेकर हमारी व्यक्तिगत पसंदों और ‘ब्राउजिंग हिस्ट्री’ तक कुछ भी हो सकता है।

तकनीकी उन्नति के साथ ही डिजिटल उपकरणों और मंचों पर हमारी निर्भरता दिनोदिन बढ़ती जा रही है। उसके साथ ही विश्वसनीय डिजिटल भरोसे की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। डिजिटल भरोसा उन डिजिटल उत्पादों और सेवाओं के प्रति उनके उपयोगकर्ताओं के विश्वास का स्तर है। इसका मतलब है कि जब आप डिजिटल दुनिया में कोई संबंध बनाते हैं, तो आप उस पर पूर्ण रूप से भरोसा करते हैं। यह संबंध आपके और दूसरे व्यक्तियों के बीच विनिमय के रूप में हो सकता है, जो विभिन्न विषयों जैसे कि व्यापार, वित्त, संचार और सामाजिक नेटवर्किंग से संबंधित हो सकते हैं।

डिजिटल विश्वसनीयता उन सभी उपयोगकर्ताओं के लिए जरूरी है, जो डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हैं, चाहे वे व्यवसायी हों या आम लोग। आज ‘डिजिटल भरोसा’ डिजिटल दुनिया में इस कदर महत्त्वपूर्ण हो चुका है कि ‘डिजिटल विश्वास’ को अब एक नई मुद्रा के रूप में देखा जा रहा है। यह डिजिटल आर्थिक प्रणाली के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक सबसे महत्त्वपूर्ण कारक बन चुका है। डिजिटल विश्वास सुरक्षित, विश्वसनीय और संरचित डिजिटल आर्थिक लेनदेन संबंधी जानकारी को संकलित करता है। इसे उपयोगकर्ताओं, निवेशकों और सरकारों के लिए एक महत्त्वपूर्ण मानक माना जाता है।

डिजिटल आर्थिक लेनदेन बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ी समस्याएं भी तेजी से उभर रही हैं। साइबर अपराधों, डेटा चोरी, आनलाइन धोखाधड़ी और पहचान चोरी जैसी समस्याएं डिजिटल विश्वास को पीछे धकेल रही हैं। साइबर आक्रमणकारी आपकी निजी जानकारी को नुकसान पहुंचा सकता है, आपके खाते को हैक और अन्य अवांछित क्रियाएं कर सकता है, जो डिजिटल विश्वास को खंडित कर सकता है।

डिजिटल भरोसे का अभाव कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है। डिजिटल भरोसे के बिना, डिजिटल मानकों और संबंधों का सुरक्षा स्तर बहुत कम हो जाता है। मसलन, अगर एक वेबसाइट पर आपके डेटा को हैक किया जाता है, तो आपकी निजी जानकारी स्थानांतरित हो सकती है। आपको अपराधों का शिकार बनाया जा सकता है। इसके अलावा, आनलाइन धोखाधड़ी, मैलवेयर और आनलाइन फ्राड जैसी समस्याएं भी आपके डिजिटल भरोसे को खतरा पहुंचा सकती हैं। कई बार डिजिटल उपयोगकर्ताओं को नुकसान होता है, जब उनकी निजी जानकारी उनकी संरक्षा के बावजूद उनके हाथ से बाहर निकल जाती है।

डिजिटल भरोसे को इन खतरों से कैसे बचाया जा सकता है, इस पर विचार करना आवश्यक है। डिजिटल विश्व में विश्वसनीयता का निर्माण एक संवेदनशील विषय है, जो आज के समय में बढ़ती डिजिटल उपस्थिति के साथ और भी महत्त्वपूर्ण हो रहा है। स्थायी और उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल उपस्थिति बनाने के लिए विश्वसनीय डिजिटल भरोसा जरूरी है।

यह भरोसा सभी स्तरों पर बनाया जाना जरूरी है। व्यक्तिगत, व्यवसायों और सरकारों के बीच डिजिटल भरोसा बनाने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए डिजिटल विश्व में एक ऐसे शक्तिशाली सुरक्षा ढांचे को बनाया जाना जरूरी है, जो उपयोगकर्ताओं के जीवन और व्यवसाय की सुरक्षा को कायम रख सके।

विभिन्न तबकों के लोगों के लिए विश्वसनीय डिजिटल विश्वास की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है। व्यापार क्षेत्र में संचार, सौदों की पुष्टि, धोखाधड़ी से बचाव और उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता पर भरोसा जरूरी होता है। भारत सरकार ने डिजिटल भारत की शुरुआत की है, जिसकी सफलता के लिए आनलाइन फार्म, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन, कर भुगतान और आनलाइन राशन कार्ड जैसी सेवाओं में भरोसा होना जरूरी होता है।

औद्योगिक तबके के लोग आपस में संचार करते हुए अनेक डिजिटल डेटा और सूचनाओं का उपयोग करते हैं। उन्हें यह जानने के लिए भरोसा होना चाहिए कि उनकी सूचनाएं सुरक्षित हैं और इनका गलत इस्तेमाल नहीं होगा। उच्च आय के लोगों के लिए विश्वसनीय डिजिटल भरोसा उनकी आर्थिक संरचना के बारे में चिंता करता हुआ अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। उन्हें बैंकिंग संबंधी सेवाओं और उत्पादों के लिए ज्यादा विश्वसनीय डिजिटल प्लेटफार्म की जरूरत होती है, ताकि वे अपनी संपत्ति को सुरक्षित रख सकें और आर्थिक लेनदेन को सही ढंग से कर सकें।

डिजिटल भरोसे की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुरक्षा तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। ये सुरक्षा तकनीकें सुनिश्चित करती हैं कि उपयोगकर्ता के डेटा और गोपनीयता को संरक्षित रखा जाए। ब्लाकचेन ऐसी ही एक तकनीक है, जिसका उपयोग डेटा की गोपनीयता, सत्यापन और निजता को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

यह एक ‘डिस्ट्रीब्यूटेड डेटा बेस’ होती है, जो एक निश्चित अंतिमता वाली लेजर पर रखी जाती है। इस तकनीक का उपयोग करके लेनदेन की जांच की जाती और इससे लोगों को उनकी विश्वसनीयता का एक निश्चित स्तर प्राप्त होता है। सभी संस्थानों को डेटा सुरक्षा और गोपनीयता नीतियों का विकास करना चाहिए, जो उनके उपयोगकर्ताओं का विश्वास कायम रखे। डिजिटल भरोसे को बनाए रखने के लिए, कंपनियों और संस्थाओं को सभी सुरक्षा नियमों और निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपनी सुरक्षा नीतियों को निरंतर अद्यतन करना चाहिए।

आधुनिक साइबर सुरक्षा नीतियों और संसाधनों का उपयोग करके डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। सुरक्षित संसाधनों में ‘एन्क्रिप्टेड’ संचार, एंटी-वायरस, एंटी-स्पैम, एंटी-मैलवेयर, फायरवाल, एंड पाइंट सुरक्षा, शून्य दिवस सुरक्षा, निरंतर नेटवर्क निगरानी आदि शामिल हो सकते हैं। अपने आनलाइन खातों के लिए सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करना और उसको नियमित रूप से बदलना अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।

पासवर्ड को मजबूती प्रदान करने के लिए अक्षर, संख्या और विशेष चिह्न का सम्मिलित उपयोग करना चाहिए। अपने खातों में अधिक सुरक्षा के लिए एक सत्यापन उपकरण का उपयोग किया जा सकता है। जैसे कि एक सत्यापन कोड या अंगुलियों के निशान आदि। डिजिटल मंचों पर स्पष्टता और सत्यापन की अपेक्षा ज्यादा होती है, इसलिए उन्हें पारदर्शिता की नीति का पालन करना चाहिए।

यह उपयोगकर्ताओं को अपनी गतिविधियों की सुरक्षा और निजता की गारंटी देता है। ‘एन्क्रिप्शन’ तकनीक का उपयोग डेटा को सुरक्षित रखता है। इससे आपके डाटा तक सिर्फ अपेक्षित लोगों को ही पहुंच मिलती है। ‘एंटी-फिशिंग टूल’ का उपयोग करके, कंपनियों और उपयोगकर्ताओं को फिशिंग से बचाया जा सकता है। नकली या चुराए हुए के बजाय असली साफ्टवेयर का उपयोग डेटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

‘डेटा लीकेज डिटेक्शन’ और ‘प्रिवेंशन’ तकनीक एक उन्नत एल्गोरिद्म का इस्तेमाल करती है, जो डेटा चोरी को रोकने में मदद करते हैं। यह डेटा चोरी को पहचानने और उन तकनीकों को अवरोधित करने में मदद करती है, जो डिजिटल भरोसे को तोड़ती है।

डिजिटल संसाधनों का बढ़ता उपयोग उन्हें उत्पादक बनाता है और डिजिटल भरोसा लोगों को डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। डिजिटल भरोसा उपयोगकर्ताओं को निश्चिंतता देता है कि उनकी जानकारी सुरक्षित है और उनकी निजी जानकारी को किसी भी अनधिकृत पहुंच से बचाया जाएगा। यह व्यापक रूप से उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है, जिससे उन्हें डिजिटल विश्व में स्वतंत्रता का आनंद मिलता है।