दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमती नहीं दिख रही हैं। उनकी मुश्किलों को केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ताजा सिफारिशों ने और बढ़ा दिया है। दरअसल गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर अमल करते हुए दिल्ली प्रदेश सरकार के 8 मंत्रियों के नौ सलाहकारों को हटा दिया गया है। इनमें डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के सलाहकार भी शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि इन नौ सलाहकारों को हटाने के पीछे प्रमुख कारण यह है कि इन पदों को वित्त मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति नहीं दी थी। हटाए जाने वाले नौ सलाहकारों में अतिशी मरलेना भी शामिल हैं. अतिशी डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया की सलाहकार थीं। आम आदमी पार्टी का ये दावा था कि अतिशी मरलेना सरकारी स्कूलों में शिक्षा की दशा सुधारने के लिए सरकार की मदद कर रही हैं। उन्हें महीने में वेतन के रूप में सिर्फ एक रुपया ही दिया जा रहा था।

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के संबंध केन्द्र सरकार और एलजी से तनावपूर्ण रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय की शाहखर्ची ने भी जमकर सुर्खियां बटोरी थीं।

बताया गया कि सीएम के कार्यालय के चाय—बिस्कुट का तीन साल का खर्च करीब 1.03 करोड़ रुपये से अधिक था। ये खुलासा हल्द्वानी के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरटीआई के तहत जानकारी हासिल करने के ​बाद किया था।

वहीं सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सिपाहियों को ठुल्ला कहने के मामले में अरविन्द केजरीवाल की खिंचाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि,’ जब आप दूसरों से माफी मांग सकते हैं तो फिर सिपाहियों से माफी क्यों नहीं मांग सकते हैं? अभी इस मामले पर सीएम अरविन्द केजरीवाल या फिर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।