पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के घोषित लक्ष्यों में किए गए बदलावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे क्यों बदला जा रहा है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने लगातार ट्वीट कर कहा, “कल तक जीएसटी की एकल मानक दर एक बेवकूफाना विचार था। कल से यह सरकार का घोषित लक्ष्य है।” उन्होंने कहा, “कल तक जीएसटी की उच्चतम दर 18 फीसदी थी जो कि अव्यवहारिक थी। कल से कांग्रेस पार्टी की 18 फीसदी उच्चतम दर की वास्तविक मांग सरकार का घोषित लक्ष्य हो गई है।”

चिदंबरम ने अपने ट्वीट के जरिये सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “कल तक, मुख्य आर्थिक सलाहकार की मानक दर को 15 फीसदी करने की आरएनआर रिपोर्ट कूड़ेदान में थी। कल इसे निकाला गया और विदेश मंत्री की मेज पर पेश किया गया और तुरंत स्वीकार कर लिया गया।”

पूर्व वित्त मंत्री ने ये ट्वीट वित्त मंत्री अरुण जेटली के सोमवार को यह संकेत देने के दो दिनों बाद किए हैं कि देश में अंतत: जीएसटी की मानक दर एक ही हो सकती है। दरअसल वित्त मंत्री ने कहा था कि जल्द ही लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं पर 28 फीसदी जीएसटी स्लैब खत्म किया जा सकता है। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में यह भी कहा कि मानक दर 12 से 18 फीसदी के बीच हो सकती है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्री ने भी ट्वीट के जवाब में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। जेटली ने अपने ब्लॉग “जीएसटी के 18 महीने” में कहा कि जीएसटी आने के पहले जनता को इंडायरेक्ट टैक्स प्रणाली का सामना करना पड़ता था जो दुनिया कि सबसे खराब टैक्स प्रणाली है। इसके चलते सरकारों को लेवी वसूलने का अधिकार था। इसके तहत कुल 17 प्रकार के टैक्स वसूले जाते थे। वहीँ जीएसटी के जरिये सारे 17 प्रकार टैक्स को मिलाकर एक कर दिया गया है।

बता दें कि जेटली का यह ब्लॉग तीन हिंदी भाषी राज्यों – छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम आने के एक पखवाड़े के बाद आया है। जब कि 2019 के आम चुनाव से कुछ महीनों पहले आए ये चुनाव परिणाम केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नहीं रहे थे। (आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)