बक्सर के डुमराव से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक ददन यादव की बीवी को एक लोन डिफॉल्ट केस में पंजाब की एक अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। पहलवान से नेता बने ददन पहली बार विवादों में नहीं पड़े हैं। इससे पहले उन्होंने पटना में सरकारी बंगला खाली करने से मना कर दिया था और अपने घर पर एक विवादित यादव नेता का स्टैच्यू लगाया था। लोन चुकाने की जिम्मेदारी यादव ने खुद ली थी। विधायक ने यह भी माना कि उन्होंने अपनी पत्नी से दिल्ली की एक गैर बैंकिंग फर्म से 31.5 लाख का लोन लेने को कहा था ताकि वह 2014 के चुनाव में अपने खर्चों को पूरा कर सकें। हालांकि वह चुनाव हार गए थे।
पहले ऊषा देवी पर लिखित अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और जब उन्होंने कोर्ट के समन का पालन नहीं किया तो उन्हें सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया।
बता दें कि ऊषा देवी ने ददन के लोकसभा चुनाव लड़ने से ठीक पहले 12 अप्रैल 2014 को दिल्ली के करीना फिनकैप लिमिटेड से लोन लिया था। इस लोन के लिए गारंटर उनका बेटा करतार यादव और बेटी जया थे। इस लोन को लेकर उषा देवी और उनके दोनों बच्चों पर दिल्ली की द्वारका अदालत में भी केस चल रहा है। लोन देने वाली कंपनी ने पहले 27 जुलाई 2015 को दिल्ली में और फिर अगस्त 2015 में पंजाब की एक अदालत में केस दर्ज कराया था।
लोन के अग्रीमेंट के मुताबिक इसे 4 महीने में चुका दिया जाना चाहिए था। लेकिन 30 महीने बीतने के बाद भी यादव परिवार ने महज 11.5 लाख रुपये ही चुकाए हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ददन ने कहा कि मुझे केस के बारे में पता है लेकिन हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे। लोन देने वाले हमारे दोस्त हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पत्नी कोर्ट में सरेंडर करेंगी तो उन्होंने फिर वही जवाब दिया-मामला सुलझा लेंगे। यह पूछने पर कि उन्होंने लोकसभा चुनावों से पहले 31.5 का लोन क्यों लिया तो उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव के कुछ खर्चे पूरे करने थे। वहीं जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ददन यादव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पत्नी कोर्ट के आदेश का पालन करें। एेसे मामलों में अदालत अपना वक्त लेती हैं।

